अनुराग ठाकुर का राहुल गांधी पर निशाना – ‘सिखों का कत्लेआम करने वाले हमें सिखा रहे संविधान की बात

आज के संसद सत्र में संविधान पर चल रही बहस ने देश को एक बार फिर से विभाजनकारी और विचारोत्तेजक बहस की ओर धकेल दिया है। एक ओर राहुल गांधी ने अपने पहले भाषण में वीर सावरकर की संविधान के प्रति आलोचनाओं को दोहराया, तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बातों से देश को एक मजबूत और एकता के प्रतीक संविधान की याद दिलाई। इसी बीच, कांग्रेस और बीजेपी के बीच तीखी आरोप-प्रत्यारोप की स्थितियां उत्पन्न हो गईं।
राहुल गांधी का संविधान पर भाषण
राहुल गांधी ने अपने भाषण में स्पष्ट रूप से सावरकर के विचारों को उद्धृत किया और कहा कि सावरकर ने भारत के संविधान को ‘संविधान’ न मानते हुए इसे ‘संघविधान’ कहने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा कि सावरकर मनुस्मृति के साथ इसे बदलने का सुझाव दे रहे थे। राहुल ने सवाल उठाया कि क्या अब बीजेपी सावरकर के विचारों को मान्यता देगी? उन्होंने द्रोणाचार्य और एकलव्य के उदाहरण को सामने रखकर बीजेपी पर निशाना साधा, कहा कि भाजपा अब युवाओं का हुनर छीन रही है और उन्हें विकास से दूर कर रही है।
अनुराग ठाकुर का पलटवार
राहुल गांधी के भाषण के बाद बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि राहुल संविधान की किताब पकड़कर उसकी बात तो करते हैं, लेकिन उन्हें कितने पन्ने हैं, ये भी नहीं पता। ठाकुर ने याद दिलाया कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब उन्होंने 1984 में सिखों का कत्लेआम करवाया और आपातकाल लगाया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि राहुल गांधी ने संविधान की तारीफ तो की, लेकिन उस समय उनकी पार्टी ने खुद इसका उल्लंघन किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले ही संविधान की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि संविधान देश की एकता और अखंडता की आधारशिला है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संविधान एक ही पार्टी का नहीं है, बल्कि कई महान हस्तियों के योगदान का परिणाम है। मोदी ने कहा कि संविधान की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है और इसे ‘संघविधान’ बनाने का प्रयास देश के भविष्य के लिए हानिकारक होगा।
प्रियंका गांधी वाड्रा का आरोप
इससे पहले, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा संविधान को संघ की नियम पुस्तिका बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने उन्नाव बलात्कार और संभल हिंसा जैसे मामलों का जिक्र किया और कहा कि यह संविधान ही है जो उत्पीड़न का सामना करने और लड़ने का साहस देता है। उन्होंने ‘डर’ फैलाने के लिए सत्तारूढ़ सरकार पर भी निशाना साधा।
अखिलेश यादव और महुआ मोइत्रा की भूमिका
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने जाति जनगणना के मुद्दे को उठाते हुए सरकार से नए सिरे से विचार करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जो लोग मस्जिदों के नीचे मंदिर खोजते हैं, वे शांति नहीं चाहते। वहीं, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने न्यायिक अधिकारी की मौत पर संसद में हंगामा मचाया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस मुद्दे को उचित संसदीय कार्रवाई के तहत उठाने का संकेत दिया।
भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ
इस साल भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ है, जिसे लेकर देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। शुक्रवार को वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने पहली बार लोकसभा में संविधान पर अपना भाषण दिया और सरकार पर ‘डर’ फैलाने का आरोप लगाया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपने बयान में कहा कि संविधान केवल एक पार्टी का नहीं है बल्कि कई महान हस्तियों के योगदान का परिणाम है।
इस बहस के बीच, भारतीय संविधान की भूमिका और इसके महत्व को लेकर दोनों पक्षों के बीच तीखा विवाद चल रहा है। जबकि एक ओर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सावरकर की आलोचना कर रहे हैं, वहीं मोदी सरकार भारतीय संविधान की रक्षा और उसकी सार्वभौमिकता पर जोर दे रही है। इस मुद्दे ने भारतीय राजनीति को एक नई दिशा और एक नई बहस में धकेल दिया है, जिससे आने वाले दिनों में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।
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