नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है। उनके उपर यह कार्रवाई फर्जी हस्ताक्षर मामले में की गई है। विशेषाधिकारी समिति की रिपोर्ट आने तक राघव चड्ढा राज्यसभा से निलंबित रहेंगे। संजय सिंह को निलंबन की अवधि को भी बढ़ा दिया गया है। संजय सिंह अगले सत्र में भी सस्पेंड रहेंगे।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने AAP सांसद संजय सिंह को निलंबित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘…मुझे इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजना ठीक लगता है… 24 जुलाई 2023 का निलंबन आदेश वर्तमान सत्र से आगे भी जारी रह सकता है जब तक कि परिषद को विशेषाधिकार समिति की सिफारिश का लाभ नहीं मिल जाता।’
क्या है राघव चड्ढा पर आरोप?
दरअसल राज्यसभा में जिस दिन दिल्ली सेवा विधायक पर वोटिंग हुई थी, उसी दिन 5 सांसदों ने दावा किया था कि दिल्ली सेवा विधेयक को उनकी सहमति के बिना सेलेक्ट कमेटी को भेजने के प्रस्ताव पर उनके नामों को मेंशन किया गया था। सभी सांसदों ने कहा था कि उन्होंने कोई हस्ताक्षर नहीं किया है, लेकिन उस पर उनके हस्ताक्षर मौजूद थे। सांसदों ने कहा था कि सेलेक्ट कमेटी को भेजने का प्रस्ताव राघव चड्ढा ने दिया था। इन सभी सांसदों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में जांच की मांग की थी। जैसे ही विवाद सामने आया था उसके बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा था कि इसकी जांच कराई जाएगी। बीजेडी के सांसद सस्मित पात्रा, बीजेपी के नरहरि अमीन, सुधांशु त्रिवेदी, फांगनोन कोनयांक और उपसभापति थंबीदुरई ने आरोप लगाया था कि उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं। थंबीदुरई एआईएडीएमके से सांसद हैं।
राघव चड्ढा ने आरोपों को बताया झूठा
इस मुद्दे को लेकर राघव चड्ढा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने कहा था कि यह सभी आरोप झूठे हैं। हम विशेषाधिकार समित द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब देंगे। आपको बता दें कि राघव चड्ढा ने कहा था कि बीजेपी उनकी छवि को नुकसान पहुंचाना चाहती है और वह भाजपा के हाथकंडे का खुलासा करेंगे। वहीं इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी ने कहा कि भाजपा युवा सांसद राघव चड्ढा की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए साजिश के तहत आरोप लगा रही है।