आईपीएस अधिकारी बसंत रथ को समय से पहले सेवानिवृत्त करने का आदेश

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बार-बार घोर कदाचार और दुर्व्यवहार के आरोपी वरिष्ठ आईपीएस बसंत रथ को समय से पहले सेवानिवृत्त कर दिया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने उन्हें कदाचार और खराब आचरण के मामले में निलंबित किया था।

गृह मंत्रालय ने एक आदेश में कहा, “बसंत रथ को अखिल भारतीय सेवा नियम, 1958 के नियम 16(3) के तहत सार्वजनिक हित में नोटिस के बदले तीन महीने का वेतन और भत्ते देकर तत्काल प्रभाव से सेवानिवृत्ति दी जाती है।” इसमें यह भी कहा गया है कि रथ की समयपूर्व सेवानिवृत्ति के 7 अगस्त, 2023 के आदेश की एक प्रति संलग्न है। अनुरोध है कि आदेश की एक प्रति रथ को तीन महीने की अवधि के लिए उनके वेतन और भत्तों की कुल राशि के बराबर राशि के चेक के साथ दी जाए।

जुलाई 2020 में हुए थे सस्पेंड
बसंत रथ वर्ष 2000 बैच के अरुणाचल प्रदेश, गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश कैडर के IPS अधिकारी हैं। 49 साल के बसंत रथ का जन्म भले ही ओडिशा में हुआ है लेकिन उन्होंने अपने काम से जम्मू- कश्मीर में अपनी साख बनाई थी। उनका कहना है कि जम्मू-कश्मीर के लोग मेरे लोग हैं। बसंत रथ ने बताया था कि आज मैं जो भी कुछ बन पाया हूं वह अपनी मां की वजह से ही बन पाया हूं।

डीजीपी से लेकर केंद्रीय गृह सचिव तक निशाना
बता दें कि डीजीपी दिलबाग सिंह पर संगीन आरोप लगाने और विभाग में अनुशासनहीनता के चलते आठ जुलाई 2020 को बसंत रथ को निलंबित की दिया गया था। इसके बाद से रथ ने डीजीपी के अलावा केंद्रीय गृह सचिव पर उनके साथ भेदभाव करने पर तलख टिप्पणी की। यहां तक कि डीजीपी के खिलाफ उन्हें मारने की साजिश रचने की शिकायत भी की। इसे देखते हुए बसंत रथ का निलंबन कुछ दिन पहले ही बढ़ाया गया।

हमेशा सुर्खियों में रहे बसंत रथ
आईपीएस बसंत रथ हमेशा सुर्खियों में रहे हैं। सबसे पहले उनका कारोबारी नागर सिंह के साथ विवादित वीडियो वायरल हुआ। इसके बाद यातायात पुलिस में आने पर लोगों को पीटने के वीडियो वायरल हुए। फिर डीजीपी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर वह सुर्खियों में रहे। रथ भाजपा में जाने की बात कहते हुए भी अक्सर नजर आते हैं।

Exit mobile version