भाजपा के कार्यक्रम में विरोध करने पहुंचे त्यागी समाज के लोगों पर केस दर्ज

गाजियाबाद। जनपद में बीते दिनों बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने आए हुए थे, उस दौरान त्यागी समाज के लोगों ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष को गेट बंद करके घुसने नहीं दिया। इस मामले में अब मुकदमा दर्ज किया गया है।

नीति खंड चौकी प्रभारी संदीपा मलिक ने थाना इंदिरापुरम में मांगेराम त्यागी, बॉबी त्यागी, अमित त्यागी और विकास त्यागी के खिलाफ IPC सेक्शन- 341, 342, 143 और 149 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। संदीपा मलिक के अनुसाार, पांच अगस्त को कैलाश मानसरोवर भवन में भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष और सदस्यों का प्रशिक्षण कार्यक्रम था। त्यागी महासभा के अध्यक्ष मांगेराम त्यागी के नेतृत्व में 40-50 लोगों ने कार्यक्रम स्थल के दोनों गेटों को बंद कर दिया। वहीं पर धरना-प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शनकारियों के द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम में आए लोगों को बाहर निकलने व अंदर जाने से जबरन रोक दिया गया।

दरअसल यह लोग भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य सरकार के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के बयान से खफा थे। उनका कहना था कि स्वतंत्र देव ने मुज़फ्फरनगर के शुक्रतीर्थ में त्यागी समाज एवं दो अन्य समाजों को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है। 5 और 6 अगस्त को इस कार्यक्रम में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी समेत तमाम नेता आए हुए थे। खुद भूपेंद्र चौधरी इस हंगामे की वजह से करीब एक घंटे तक कार्यक्रम स्थल से बाहर नहीं निकल पाए। इस दौरान धरना दे रहे लोगों ने यह भी कहा कि इन बीजेपी वालों का इलाज करना है, स्वतंत्र देव सिंह ने माँ का दूध पीया हो तो कहीं से भी चुनाव लड़कर दिखाए। बक्कल उतार दिए जाएंगे।

स्वतंत्रदेव सिंह के बयान से हुई थी विवाद की शुरुआत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 22 जुलाई को मुजफ्फरनगर जिले के शुक्रताल आए थे। इस दौरान कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी वहां पर मौजूद थे। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए त्यागी समाज की लड़कियों को लेकर एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था, “2017 के पहले जो बेटा 10 साल का था। आज उसकी आयु 17 साल हो गई है। उसको यह मालूम नहीं होगा कि कश्यप की बेटी को कैसे उठाकर, सैनी की बेटी को कैसे उठाकर, त्यागी की बेटी को कैसे उठाकर रेप करके हत्या कर दी जाती थी। थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं होती थी।’ मंत्री के इस बयान के बाद त्यागी समाज में गुस्सा फैल गया। उनका कहना था कि मंत्री को त्यागी समाज का नाम नहीं लेना चाहिए था। अगर ऐसा है तो फिर वे ऐसी घटनाओं का सुबूत भी दें। हालांकि 5 अगस्त को बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से बातचीत के बाद मंत्री ने खेद जताते हुए वीडियो जारी कर दी, जिसके बाद त्यागी समाज के लोग शांत होकर लौट आए थे।

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