बेंगलूर। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बने अभी तीन महीने भी नहीं पूरे हुए हैं कि यहां पार्टी के अंदर से असंतोष की खबरें आने लगी हैं। प्रदेश के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि सरकार का पूरा फोकस फिलहाल चुनाव से पूर्व जनता की दी गई गारंटियों को पूरा करने पर है। डीके शिवकुमार ने कहा कि सरकार के पास मौजूदा वित्त वर्ष में अन्य विकास कार्यों के लिए फंड नहीं है।
डीके शिवकुमार ने आगे कहा, ‘प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार ने कर्नाटक को दिवालिया जैसी स्थिति में ला दिया है। अब हमारे ऊपर जिम्मेदारी है कि उनकी गलतियों को ठीक करें और जनता से हमने चुनाव से पूर्व जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करने के लिए फंड का इंतजाम करें। कांग्रेस ने चुनाव से पहले जनता को पांच गारंटियां दी थीं, जिनके लिए फंड जुटाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। ऐसे में विधायकों को फिलहाल ये उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि उन्हें अपने निवार्चन क्षेत्र के लिए फंड मिलेगा। कम से कम मौजूदा वित्त वर्ष में तो नहीं। बजट में मेरे विभाग तक को फंड नहीं दिया गया है।’
डीके ने विधायकों की नाराजगी की खबरों को किया खारिज
वहीं विधायकों की नाराजगी की खबरों के बीच सीएम सिद्धारमैया ने गुरुवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई थी। बताया जा रहा है कि अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्य ना होने से विधायकों में नारागजगी है। वहीं, जब इस मुद्दे पर डीके शिवकुमार से पूछा गया कि तो उन्होंने नाराजगी की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि हम ऐसी मनगढ़ंत चिट्ठियों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि अगले साल लोकसभा का चुनाव है और इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार और पार्टी के बीच तालमेल बनाने के लिए ये बैठक बुलाई गई थी।
वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कर्नाटक में विधायकों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्य करने के लिए धन की कमी को लेकर कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष किया। वह कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। शिवकुमार ने बुधवार को कहा था कि राज्य की कांग्रेस सरकार अपनी पांच चुनावी गारंटी के कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न वित्तीय बाधाओं के कारण इस वर्ष विकास के लिए धन नहीं दे सकती है।
मालवीय ने ट्वीट कर कहा, कांग्रेस कर्नाटक को बर्बाद कर देगी। पांच चुनावी गारंटी लागू होने का कोई संकेत नहीं है और अब विकास भी नहीं हो रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि फंड की कमी के कारण विधायक क्षेत्रों में अपना चेहरा नहीं दिखा पाएंगे।
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