नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पिछले पांच सालों में भारत में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान हुई लोगों की मौत के बारे में लोकसभा में जानकारी दी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले पांच वर्षों में भारत में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान कम से कम 339 लोगों की मौत हो गई है।
लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने बताया कि 2023 में नौ, 2022 में 66, 2021 में 58, 2020 में 22, 2019 में 117 और 2018 में 67 मौतें दर्ज की गई हैं।
मैला ढोने पर साल 2013 में लगाया था प्रतिबंध
बता दें कि भारत में हाथ से मैला ढोने की प्रथा को साल 2013 में ही प्रतिबंधित कर दिया गया था। इसके लिए सरकार द्वारा मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार के निषेध और उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013 लाया गया था। यह अधिनियम मानव मल को किसी भी तरीके से मैन्युअल रूप से साफ करने, ले जाने, निपटान करने या अन्यथा संभालने के लिए किसी भी व्यक्ति के उपयोग पर प्रतिबंध लगाता है।