मुंबई। समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आजमी ने बुधवार को अपने एक बयान से विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा में ‘वंदे मातरम’ कहने से इनकार कर दिया और दावा किया कि उनका धर्म (इस्लाम) इसकी अनुमति नहीं देता है। इस दौरान सदन में विरोध जारी रहा और स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी।
संभाजीनगर जिले में हुए दंगों का मुद्दा उठाते हुए आजमी ने कहा कि ‘वंदे मातरम’ का नारा लगाना उन्हें अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा, “कुछ लोग कहते हैं कि अगर भारत में रहना है तो ‘वंदे मातरम’ बोलना होगा। हम ऐसा नहीं कर सकते। हम केवल एक अल्लाह में यकीन रखते हैं।” आजमी ने कहा कि आफताब पूनावाला के नाम पर मुसलमानों को बदनाम किया गया। इसके बाद आजमी ने औरंगाबाद में राममंदिर के बाहर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वहां यह नारा लगाया गया कि भारत में रहना है तो वंदे मातरम क्या होगा। इससे माहौल ख़राब हो गया, पुलिस ने दोनों गुटों को वहां से हटाया। रात में फिर वहां पंद्रह- बीस लोग आए। इसके बाद वहां पर दोनों तरफ के लोग आये फिर नारेबाजी और झगड़ा शुरू हुआ। आजमी ने कहा कि पुलिस के मुताबिक दोनों तरफ से ढाई- ढाई सौ लोग मौजूद थे। इसलिए मेरा सवाल है कि आखिर एक ही मजहब के लोग क्यों गिरफ्तार किये गए।
औरंगाबाद का मुद्दा उठाया
आजमी कहा कि जब वहां पुलिस ने गोली चलाई गयी तब एक मुनिरुद्दीन नाम का आदमी अपने घर के परिसर में मौजूद था। वहां एक आदमी अपना पांच महीने का बच्चा लेकर भी मौजूद था। पुलिस अफसर कहते हैं कि मैंने झुककर गोली चलाई थी। आजमी ने सदन में कहा कि यह पुलिस अफसर झूठ बोल रहे हैं। ऐसे में गोली उसको कैसे लगी? पुलिस ने अगर झुककर गोली चलाई होती तो वह डिवाइडर पर लगती। पुलिस इस मामले में साफतौर झूठ बोल रही है। इस मामले में पुलिस अफसर को सजा दी जानी चाहिए। साथ क्या सरकार की तरफ से मुनिरुद्दीन के परिवार को सरकार मुआवजा देगी?
अबू आजमी ने कहा, “जब भी हाउस में वंदे मातरम् होता है तो मैं खड़ा होकर उसकी इज्जत करता हूं लेकिन मैं उसको पढ़ नहीं सकता। क्योंकि मेरे मजहब में ये कहा गया है कि अल्लाह जिसने जमीन बनाई, आसमान बनाया, सूरज बनाए, चांद बनाए, इंसान बनाए और सारी दुनिया को बनाया, उसके अलावे किसी के आगे सिर नहीं झका सकते। ये मेरे मजहब में कहा गया है। मैं कोई आपका अपमान तो नहीं कर रहा हूं। सुप्रीम कोर्ट ने ये अधिकार दिया हुआ है।
आजमी के बयान पर भाजपा विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई और इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने विधायकों से शांत रहने की अपील की और कहा, ‘आजमी की टिप्पणियां विषय के लिए अप्रासंगिक हैं। उन्हें चर्चा के लिए सूचीबद्ध मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।’’ नार्वेकर की अपील के बाद भी हंगामा जारी रहा और इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी।
फडणवीस ने जवाब दिया
आजमी के सवाल पर गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मेरे पास भी पूरा सीसीटीवी फुटेज है। मुनिरुद्दीन नाम का व्यक्ति उपद्रवी भीड़ में शामिल था। पुलिस के जवानों पर पत्थर बरसाए जा रहे थे। कई पुलिसकर्मी जख्मी भी हुए थे। उसी दौरान इस व्यक्ति की मौत हुई थी। वह अपने घर में नहीं बल्कि उपद्रवी लोगों के साथ था। इसलिए पुलिस पर कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी।