गाजियाबाद-बागपत बांध टूटा, फसल जलमग्न, गांवों में घुसा पानी

गाजियाबाद। लगातार हो रही बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं। यमुना के तेज बहाव के के कारण अलीपुर बांध टूट गया है। इससे लोनी के अलीपुर और पचायरा गांव तक पानी पहुंच गया। बांध टूटने से ग्रामीणों और प्रशासन में हड़कंप मच गया है। फसल जलमग्न हो गई हैं। बागपत और गाजियाबाद का प्रशासन बाँध के निर्माण करने में जुटा है।

गुरुवार को लोनी बागपत की सीमा में पुश्ता पानी के बहाव के चलते टूट गया जिसके बाद पुस्ता पर एक बड़ा गड्ढा बन गया। पुश्ता टूटने पर पानी तेजी से लोनी और खेकड़ा की तरफ जाने लगा। इस बांध का 1972 में निर्माण कराया गया था। पानी का बहाव इतना ज्यादा था कि पानी कुछ घंटों में ही लोनी के अलीपुर और पचायरा गांव तक पहुंच गया। हालांकि पानी गांव के खेतों तक ही पहुंचा है। आबादी क्षेत्र में भी जल्द पानी पहुंचने की आशंका के चलते लोग डरे हुए हैं। ग्रामीणों ने अपने घर के नीचे रखे सामान को दूसरी मंजिल पर शिफ्ट करने का काम भी शुरू कर दिया।

सूचना पर डीएम राकेश कुमार समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। उधर बागपत के अधिकारी भी जेसीबी, पॉकलेन मशीन लेकर मौके पर पहुंचे। एक तरफ से गाजियाबाद और दूसरी तरफ से बागपत प्रशासन गड्ढ़े को भरने में जुट गया। हालांकि पानी का बहाव इतना तेज है कि गड्ढा भरने में परेशानी होने लगी। मौके पर एनडीआरएफ की टीम भी पहुंची। पुश्ता टूटने की सूचना पाकर आसपास के ग्रामीण भी मौके पर पहुंचे।

मंडोला और आवास विकास के बिजली घरों की लाइट बंद की
अधिशासी अभियंता सुनील कुमार ने बताया कि पानी का जलस्तर बढने पर मंडोला और आवास के बिजली घर की बिजली सप्लाई को अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया है। इन बिजली घरों के सभी फीडरों को बंद कर दिए हैं। 10 हजार से अधिक उपभोक्ताओं की बिजली कटौती का सामना करना पड़ेगा।

40 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला
बदरपुर गांव का एक हिस्सा लोनी की सीमा में आता है। पानी का बहाव ज्यादा होने पर इस हिस्से में भी पानी भर गया। समय रहते प्रशासन ने मौके से करीब 40 लोगों को बाहर निकाल लिया है। इन लोगों के घर पानी में डूब गए हैं। प्रशासन ने इनके रहने के लिए टेंट लगाए हैं। इन लोगों को खाने, पानी और बिजली की सुविधा मुहैया कराई है। पानी उतरने के बाद इन लोगों को वापस भेजा जाएगा।

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