जेहाद के जरिए फ्रांस बनेगा मुस्लिम देश, पूरी दुनिया में होगा इस्‍लामिक राज… फलस्‍तीनी मौलाना का वीडियो वायरल

पेरिस। फैशन और संस्कृति के लिए जाना जाने वाला फ्रांस आज सांप्रदायिक दंगों की आग में झुलसा है। 17 साल के मुस्लिम किशोर नेहाल की हत्‍या के बाद हालात बेकाबू हैं। इस बीच फलस्‍तीनी मौलाना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल है, इसमें उन्‍हें कहते हुए सुना जा सकता है कि एक दिन फ्रांस भी एक मुसलमान देश होगा। साथ ही उन्‍होंने इस वीडियो में जेहाद का जिक्र भी किया है।

फलस्‍तीन के मौलाना अबु तकी अल-दिन-अल दारी का यह वीडियो 12 मार्च 2019 का है। वह अल अक्‍सा मस्जिद में मुसलमानों को संबोधित कर रहे हैं और एक तरह से यूरोप को धमका रहे हैं। उनका कहना था कि जर्मनी और फ्रांस के लोग बूढ़े होने लगे हैं। वहां के युवा विवाह को जरूरी नहीं मानते हैं। यहां के युवा मुसलमानों से अलग विवाह से कन्‍नी काटने लगे हैं। मौलाना कह रहा है, ‘साल 2050 तक फ्रांस में बसे मुसलमान फ्रेंच नागरिकों की संख्‍या से भी आगे निकल जाएंगे। लेकिन हमें फ्रांस को इस्‍लामिक देश में बदलने के लिए सिर्फ इन्‍हीं नंबरों पर भरोसा नहीं कर रहे। हमें जिस पर भरोसा केरना होगा कि मुसलमानों के पास अपना एक देश होना ही चाहिए जो अल्‍लाह के लिए जेहाद के जरिए पश्चिमी देशों के लोगों तक इस्‍लाम को लेकर आए।’

मौलाना ने आगे कहा, “जब लोगों को इस्‍लाम का सही रूप, उसकी दया, उसका निर्देश और रोशनी दिखेगी, वह अपने आप ही इस्‍लाम अपना लेंगे।” मौलाना ने आगे कहा- ये बहुत पहले की बात नहीं है। सिर्फ 400 साल पहले ओटोमान साम्राज्‍य के मुसलमानों ने ऑस्ट्रिया और पोलैंड पर फतह हासिल की थी। मौलाना ने आगे कहा- “इस्लामिक स्टेट ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना की दीवारों तक पहुंच गया था। वहां से अजान पढ़े जा रहे थे। सोवियत संघ के सभी पूर्व देश और काकेशस भी इस्‍लामिक शासन के तहत थे। सन 1644 तक चीन पर भी मुस्लिम मंगोलों का राज था। सन् 1526 में हमने हंगरी को जीता और इसके बाद 1586 तक भारत में भी इस्‍लाम राज था।”

धर्म परिवर्तन का भी जिक्र
उनका कहना था कि ये सारे उदाहरण यह बताने के लिए काफी हैं कि एक इस्‍लामिक देश संभव है। मगर इसके लिए पहले की तरह बनना होगा, इस्‍लाम को फैलाना होगा और अल्‍लाह की इच्‍छा के मुताबिक ही काम करना होगा। इस तरह से इस्‍लाम पूरी दुनिया में फैलता जाएगा। उन्‍होंने इस्‍लाम को फैलाने के तीन तरीके भी बताए। इन तरीकों में पहला था इस्‍लाम में धर्म परिवर्तन करना, इसके अलावा जजिया टैक्‍स या फिर लोगों को अल्‍लाह की मदद के लिए लड़ने की अपील करना शामिल था। इसके बिना दुनिया में इस्‍लाम का शासन नहीं हो पाएगा।

Exit mobile version