शिमला। देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू किए जाने को लेकर सक्रियता के साथ-साथ सियासत तेज हो गई है। इस मुद्दे पर मानसून सत्र के दौरान संसद में विधेयक लाए जाने की अटकलों के बाद राजनीतिक दलों के समर्थन और विरोध के सुर भी तेज हो गए हैं।समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर बेशक कांग्रेस हाईकमान ने अभी तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है लेकिन हिमाचल के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इसका समर्थन कर दिया है।
विक्रमादित्य सिंह ने फेसबुक पर लिखा है कि भारत की एकता और अखंडता के लिए जो जरूरी होगा, उसका समर्थन करेंगे। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पिछले 9 साल से एनडीए पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र में सरकार चला रही है। इस कानून को लागू करने से उन्हें कौन रोक रहा है। आज चुनाव के कुछ महीने पहले इसका प्रपोगंडा क्यों किया जा रहा है । उन्होंने कानून को सही ठहराते हुए इसके समय पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि देश की जरूरत है, इसे लाना चाहिए लेकिन चुनावों के समय को लेकर जो हल्ला किया जा रहा है। ये पूरी रुप से राजनीति है। इस पर राजनीति को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
2014 से यूसीसी की बात करती आ रही केंद्र सरकार
उनका कहना है कि जब कोई पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में हो तो उसे कानून लाने से कोई नहीं रोक सकता है। 9 सालों से केंद्र में भाजपा की सरकार पूर्ण बहुमत के साथ है। 2014 में भाजपा की सरकार बनी, तभी से यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात चल रही है। किसी ने भी इसका विरोध नहीं किया है।
इस बीच शिवसेना के एकनाथ शिंदे वाले गुट ने उम्मीद के अनुरूप समर्थन किया है। परन्तु उद्धव ठाकरे गुट इसका विरोध नहीं कर रहा है, बल्कि यह संभावना है कि यह गुट भी इसका समर्थन कर सकता है। वजह यह बताई जा रही है कि बाला साहेब ठाकरे समान नागरिक संहिता के पक्ष में थे, इसलिए उद्धव की पार्टी के लिए इसका विरोध करना मुश्किल होगा।