गूगल के पॉपुलर वीडियो प्लेटफॉर्म यूट्यूब पर चैनल बना पैसा कमाना अब आसान हो गया है। कंटेंट मॉनिटाइज करने के लिए अब तक जो मिनिमम सब्सक्राइबर और वॉचटाइम लिमिट थी, उसे घटा दिया गया है।
यूट्यूब की नई पॉलिसी में साफ किया गया है कि, पहले जहां क्रिएटर्स को कम से कम 1000 सब्सक्राइबर्स की जरूरत पड़ती थी, अब यह लिमिट घटाकर 500 कर दी गई है। यानी कि पहले के मुकाबले आधे सब्सक्राइबर्स होने पर ही कमाई शुरू की जा सकेगी। इसके अलावा पहले चैनल पर कम से कम 4000 घंटे का वॉचटाइम होना अनिवार्य था, जो लिमिट अब घटाकर 3000 घंटे कर दी गई है। शॉर्ट वीडियो व्यूज के लिए पहले 10 मिलियन (1 करोड़) की लिमिट तय की गई थी, जिसमें नई पॉलिसी के साथ बदलाव हुआ है। अब शॉर्ट वीडियोज पर 3 मिलियन (30 लाख) व्यूज होने पर क्रिएटर्स मॉनिटाइजेशन के लिए अप्लाई कर पाएंगे। ये बदलाव शुरू में चुनिंदा मार्केट्स में लागू किए जाएंगे, जिनमें अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ताइवान और साउथ कोरिया शामिल हैं।
छोटे क्रिएटर्स को होगा फायदा
यूट्यूब की नई मोनेटाइजेशन प्रोसेस से छोटे और शुरुआती यूट्यूबर्स को काफी फायदा होने वाला है। उनके पास अब YouTube पर अपने कंटेंट को मोनेटाइजेशन करने के अधिक अवसर होंगे। हालांकि, उन्हें अपने दर्शकों को बढ़ाने और विज्ञापन राजस्व अर्जित करने के लिए कुछ बेंचमार्क पूरा करने की आवश्यकता होगी। रेवेन्यू शेयरिंग को नहीं बदला गया है। वहीं जो क्रिएटर्स YouTube पार्टनर प्रोग्राम में पहले से शामिल हैं, उन्हें फिर से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी।
यूट्यूब पर कमाई का प्रॉसेस क्या होता है?
दरअसल यूट्यूब कंटेंट क्रिएटर्स को वीडियो बनाने के लिए प्रेरित करता है। यूजर को पसंद आने वाले वीडियो बनाए जाएं तो चैनल पर सब्सक्राइबर्स की संख्या बढ़ती है। इसके साथ ही चैनल ग्रो होने लगता है। चैनल पर व्यूअर्स की संख्या बढ़ती है तो क्रिटर्स को ऐड्स और प्रीमियम सब्सक्रिप्शन के जरिए पैसे कमाने का मौका मिलता है। यूट्यूब की मॉनेटाइजेशन पॉलिसी को फॉलो कर यूट्यूब से हर महीने एक तय तारीख पर अकाउंट में पैसा मिलता है। वीडियो पर आने वाले ऐड्स की मदद से प्लेटफॉर्म पर एक रेवेन्यू जनरेट होता है। इस रेवेन्यू का कुछ हिस्सा यूट्यूब रख लेता है, जबकि बाकी की कमाई चैनल क्रिएटर को दी जाती है।