सम्राट मिहिर भोज विवाद पर लोनी विधायक का पत्र, कहा- गुर्जर और राजपूत एक पिता की संतानें, मतभेद खत्म कर जातियों को जोड़ें

नंदकिशोर गुर्जर

गाजियाबाद। पश्चिमी यूपी में सम्राट मिहिर भोज को लेकर गुर्जर और क्षत्रिय समाज के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। इस बीच लोनी से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने गुर्जर एवं राजपूत समाज के लोगों को खुला पत्र लिखा है। उन्होंने प्राचीन काल से गुर्जर और राजपूतों की एकता का हवाला देते हुए एकजुट रहने की अपील की है।

नंदकिशोर गुर्जर ने अपने पत्र कि अरब के प्रसिद्ध इतिहासकारों सुलेमान, अलबरूनी ने इस्लाम का सबसे बड़ा शत्रु गुर्जर प्रतिहार वशं के सम्राट मिहिर भोज को बताया था। मिहिर भोज के नाम पर गौरव यात्रा निकालना अच्छी बात है लेकिन इतिहास जानना भी जरूरी है। गुर्जर एवं राजपूत क्षत्रिय वंश की शाखाएं हैं और एक पिता की दो संतानें हैं। हमारे गोत्र भी मिलते हैं। सबसे बड़ा उदाहरण सेना भर्ती है, जहां एक ही परिवार मानते हुए गुर्जर युवाओं को राजपूत रेजिमेंट में ही शामिल किया जाता है। नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि जो लोग जाति-बिरादरी को लेकर लड़ाई कर रहे हैं, उन्हें चिह्नित कर घर वापसी के प्रयास करने होंगे। तभी सम्राट मिहिर भोज के सपनों को पूरा किया जा सकेगा।

नंदकिशोर का कहना है कि क्या भगवान कृष्ण, भगवान राम को जातियों में बाँधा जा सकता है जबकि उन्होंने भी किसी न किसी जाति या वर्ण में जन्म लिया है? इसीलिए हमे देवअंश रूपी समाज के सभी महापुरुषों को जातिगत बंधन में नहीं बांधना चाहिए। हमारे समाज के बीच वैवाहिक सम्बन्ध में साबित करते हैं कि हम आपस में एक हैं। जब हम सब एक परिवार की संतानें हैं तो हमें जातियों को जोड़कर, मतभेदों को समाप्त करके अखंड-सशक्त भारत के लिए काम करना होगा।

बता दें राजपूत जहां सम्राट मिहिर भोज को क्षत्रिय बताते हैं तो वहीं गुर्जर समाज इन्हें गुर्जर बताता रहा है। इसको लेकर काफी विवाद है। ग्रेटर नोएडा के दादरी में सीएम योगी आदित्यनाथ ने 22 सितम्बर 2021 को जब सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया था। तब भी प्रतिमा पर गुर्जर सम्राट लिखे होने पर राजपूतों ने आपत्ति जताई थी और जमकर हंगामा किया था। राजपूत और गुर्जर को लेकर दोनों पक्षों में अक्सर विवाद होता रहा है।

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