संसद उद्घाटन समारोह में मोदी सरकार को अकाली के बाद मिला BJD का साथ, ये दल भी रहेंगे मौजूद

नई दिल्ली। नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर जारी राजनीति के बीच अकाली दल के बाद बीजू जनता दल ने भी बयान जारी कर कहा है कि वह भी इस समारोह में शामिल होगी। इससे पहसे शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने आयोजन में शामिल होने को लेकर अपना पक्ष रखा। शिरोमणि अकाली दल और बीजू जनता दल के अलावा मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP), चंद्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी (TDP), वाईएसआर कांग्रेस, एआईएडीएमके भी उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे।

बीजेडी की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि वह इस कार्यक्रम में शामिल होगा। पार्टी ने कहा है कि राष्ट्रपति देश की प्रमुख हैं और संसद 140 करोड लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। पार्टी ने कहा है कि दोनों ही संस्था भारतीय लोकतंत्र की पहचान हैं और दोनों को संविधान से ही अधिकार प्राप्त होते हैं, जिसकी हमेशा ही रक्षा होनी चाहिए। पार्टी के मुताबिक इन संवैधानिक संस्थाओं को हमेशा किसी विवाद से ऊपर रखना चाहिए। इसलिए पार्टी इस गौरवशाली कार्यक्रम में शामिल होगी।

आंध्र के सीएम जगन रेड्डी शामिल होंगे
वाईएसआर कांग्रेस के नेता और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने नई संसद के उद्घाटन समारोह में शिरकत करने की घोषणा की है। उन्होंने एक ट्वीट करके इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने इसके बहिष्कार के ऐलान को लेकर विपक्ष को लताड़ा भी है और कहा है कि ऐसे शुभ अवसर पर बहिष्कार लोकतंत्र की सच्ची भावना के विरुद्ध है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपने राजनीतिक मतभेद भुलाकर इसमें शामिल होने का आह्वान किया है।

‘हम नहीं चाहते कि इस समय कोई राजनीति हो’
उधर 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्कार करने की विपक्षी मुहिम को बुधवार को शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने भी ठुकरा दिया है। पार्टी के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा है कि ‘हम नहीं चाहते कि इस समय कोई राजनीति हो।’ पार्टी ने कहा है कि इसपर विपक्ष जो मुद्दे उठा रहा है, उससे वह सहमत नहीं है। चीमा ने एक वीडियो बयान में कहा है कि शिरोमणि अकाली दल ने फैसला किया है कि पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल होंगे और यह भी कहा कि देश के लिए यह बहुत बड़ा कार्यक्रम है और इसमें सबको शामिल होना चाहिए।

पीएम मोदी 28 मई को नई संसद देश को समर्पित करेंगे
देश के लिए 28 मई 2023 की तारीख ऐतिहासिक रहने वाली है। इस दिन भारत को एक नई संसद मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस मौके पर देश की नई संसद में आजादी के जुड़ा एक प्रतीक सेंगोल स्थापित किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि जिस दिन नए संसद भवन को देश को समर्पित किया जाएगा उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु से आए हुए अधीनम से सेंगोल को स्वीकार करेंगे और लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास इसे स्थापित करेंगे।

देश की आजादी का प्रतीक है सेंगोल
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुताबिक सेंगोल देश की गौरवशाली विरासत का एक प्रतीक है और इससे एक परंपरा भी जुड़ी हुई है। भारत के इतिहास में सेंगोल का बहुत महत्व है। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 14 अगस्त 1947 की रात लगभग 10:45 बजे तमिलनाडु के अधिनाम के माध्यम से सेंगोल को स्वीकार किया। यह अंग्रेजों से हमारे देश के लोगों के लिए सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक था। पंडित नेहरू ने 14 अगस्त की रात को अंग्रेजों से सत्ता के हस्तांतरण के रूप में इस सेंगोल को हासिल किया था।

बता दें कि कांग्रेस के नेतृत्व में कुल 19 विपक्षी दलों ने बुधवार को 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने की घोषणा की है। पिछले हफ्ते लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया था। इस आयोजन से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पूरी तरह से दरकिनार करने को गंभीर अपमान करार देते हुए, विपक्षी दलों ने एक संयुक्त बयान में यह भी कहा कि यह हमारे लोकतंत्र पर सीधा हमला है जो एक समान प्रतिक्रिया की मांग करता है।

बयान में यह भी कहा गया है कि सम्मान, प्रधानमंत्री के बजाय राष्ट्रपति का है। विपक्ष के कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी द्वारा नई संसद के उद्घाटन को राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं करना ”देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान” है।

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