नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की गाइडलाइन के मुताबिक मंगलवार से दो हजार रुपये के नोट बदले जाएंगे। बैंकों ने इसके लिए तैयारी कर ली है। एक दिन में 20000 रुपये बदलवा सकते हैं। बैंक खाते में जमा करने की कोई लिमिट नहीं है, लेकिन बैंकिंग नियम का पालन करना होगा।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, लोगों के पास चार महीने का वक्त है। आराम से बैंक जाएं और नोट बदलें। घबराने की जरूरत नहीं है। बैंकों के पास पर्याप्त पैसा है। दास ने कहा, बैंकों की शाखाओं में भीड़ लगने की आशंका नहीं है। नोट बदलवाने के लिए जल्दबाजी की जरूरत नहीं है। उन्होंने लोगों से भी आग्रह किया कि भीड़ न लगाएं। दास ने स्पष्ट किया, कारोबारी समेत कोई भी संस्थान दो हजार का नोट लेने से इन्कार नहीं कर सकता।
30 सितंबर को ही करेंगे फैसला
आरबीआई गवर्नर दास ने कहा, नोट बदलने की समय सीमा 30 सितंबर इसलिए तय की है, ताकि इसे गंभीरता से लिया जा सके। वरना जमा करने या बदलने की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती। दास ने कहा, 30 सितंबर के बाद क्या होगा, इस पर अभी कोई जवाब नहीं दे सकता। इस दौरान अधिकांश नोट वापस आने की उम्मीद है। आगे का फैसला 30 सितंबर को ही करेंगे।
बिना आईडी प्रूफ और फॉर्म भरे ही जमा कर सकेंगे नोट
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने कहा है कि ग्राहक दो हजार के नोट बिना किसी आईडी प्रूफ और फॉर्म भरे ही बैंक की विभिन्न शाखाओं से बदलवा सकेंगे। एसबीआई ने कहा है कि 20 हजार कीमत तक के नोट बिना आईडी प्रूफ के बदलवाए जा सकेंगे। इससे पहले दावा किया जा रहा था कि दो हजार के नोट बदलवाने के लिए आईडी प्रूफ, आधार कार्ड दिखाने के साथ ही एक फॉर्म भी भरना होगा।
यहां पर भी बदले जा सकते हैं नोट
आरबीआइ के क्षेत्रीय कार्यालयों पर भी 2000 रुपये के नोट बदले जा सकते हैं। पूरे देश में केंद्रीय बैंक के 19 क्षेत्रीय कार्यालय हैं। अहमदाबाद, बेंगलुरु, बेलापुर, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, पटना और तिरुअनंतपुरम।
क्यों वापस लिए जा रहे 2000 रुपये के नोट?
आरबीआइ अधिनियम 1934 की धारा 24(1) के तहत नवंबर 2016 में 2000 रुपये के नोट जारी किए गए थे। यह मुख्य रूप से 500 और 1000 रुपये को वापस लिए जाने के बाद अर्थव्यवस्था की मुद्रा आवश्यकता को शीघ्रता से पूरा करने के उद्देश्य से जारी किए गए थे। 2000 रुपये के अधिकांश नोट मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे और यह 4-5 वर्ष के अपने अनुमानित जीवनकाल के अंत में हैं। यह भी देखा गया इन नोटों को आमतौर पर लेनदेन के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता है। साथ ही लोगों की आवश्यकता के लिए अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों का पर्याप्त स्टाक बना हुआ है। इन परिस्थितियों को देखते हुए स्वच्छ नोट नीति के तहत 2000 रुपये के नोटों को संचालन से वापस लेने का फैसला लिया गया है।
क्या नोट बदलने के लिए कोई पैसा लगेगा?
नहीं। यह सुविधा पूरी तरह से निश्शुल्क है। पूरी प्रक्रिया को सुचारु और सुविधाजनक बनाने के लिए 2000 रुपये के नोटों को जमा करने या बदलने के लिए चार माह का समय दिया गया है। इसलिए लोग तय समय के अंदर अपने नोट खाते में जमा कर दें या बदल लें।
बैंक नोटों को बदलने या जमा करने से मना करे तो क्या करें?
यदि कोई बैंक 2000 रुपये के नोटों को जमा या बदलने से मना करे तो सबसे पहले संबंधित बैंक के पास शिकायत दर्ज कराएं। यदि 30 दिनों में बैंक शिकायत का कोई जवाब नहीं देता है या शिकायतकर्ता बैंक के जवाब से संतुष्ट नहीं है तो आरबीआइ की एकीकृत लोकपाल योजना (आरबी-आइओएस) के तहत आरबीआइ के पोर्टल https://www.rbi.org.in/ पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
बगैर आइडी 2000 के नोट बदलने की अनुमति के खिलाफ याचिका
बिना फार्म और पहचान प्रमाण के 2000 रुपये के नोट बदलने की अनुमति के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। भाजपा नेता व अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने याचिका दायर कर तर्क दिया कि इस संबंध में आरबीआइ और एसबीआइ की अधिसूचनाएं मनमानी, तर्कहीन होने के साथ ही संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करती हैं। याचिका में कहा गया है कि बड़ी मात्रा में 2000 का नोट या तो लोगों की तिजोरी पहुंच गई है या फिर अलगाववादियों, आतंकवादियों, माओवादियों, ड्रग तस्करों, खनन माफियाओं और भ्रष्ट लोगों द्वारा जमा की गई हैं। ऐसे में इसे बगैर पहचान प्रमाण के वापस करने की अनुमति देना उचित नहीं है।