गाजियाबाद। प्रभारी निरीक्षकों के स्थानांतरण पर समाजवादी पार्टी मीडिया सेल टि्वटर हैंडल से सवाल उठाए गए हैं। एक जाति विशेष के शामिल होने का आरोप लगाया गया। मामले में साहिबाबाद कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज हुई है।
गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट ने सोमवार रात 6 थाना प्रभारियों सहित दस एसओ-एसएचओ के तबादले किए थे। समाजवादी पार्टी की मीडिया सेल के ट्विटर अकाउंट ने इसे लेकर 16 मई की सुबह 7.35 बजे एक ट्वीट किया। टवीट में लिखा था- ‘6 कोतवाली प्रभारियों के हुए तबादले। इंदिरापुरम, साहिबाबाद, नंदग्राम, लिंक रोड, महिला थाना समेत मधुबन बापूधाम के कोतवाल बदले गए। सबका साथ लेकिन एक जाति पर विश्वास? सिर्फ एक जाति का विकास? वोट के वक्त सब हिन्दू? मलाई बंटते वक्त सिर्फ योगी जी के स्वजातीय ठाकुर?’।
इसके साथ ही एक लिस्ट भी लगी हुई है। इसमें लिखा है कि निरीक्षक योगेंद्र सिंह को वाचक पुलिस आयुक्त से प्रभारी निरीक्षक थाना इंदिरापुरम में, निरीक्षक मुनेंद्र सिंह प्रभारी चुनाव सेल को प्रभारी निरीक्षक थाना साहिबाबाद, निरीक्षक सचिन मलिक को प्रभारी निरीक्षक थाना साहिबाबाद से प्रभारी निरीक्षक थाना नंदग्राम, निरीक्षक सत्यवीर सिंह स्वाट टीम को प्रभारी निरीक्षक मधुबन बापूधाम में पदस्थ किया गया है।
मामले में पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद की तरफ से प्रेस नोट जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि 16 मई को थाना साहिबाबाद में जवाहर पार्क शहीद नगर थाना साहिबाबाद जनपद के रहने वाले संदीप पाल ने तहरीर दी है। इसमें कहा गया है कि जनपद गाजियाबाद में प्रशासनिक व्यवस्था के तहत कुछ पुलिस अधिकारियों के स्थानांतररण किए गए थे।
इसको लेकर समाजवादी पार्ट की मीडिया @mediacellsp नाम के ट्विटर हैंडल से सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के मकसद से एक जाति विशेष की पोस्टिंग का गलत आरोप लगाया गया है। इस प्रकार उक्त ट्विटर हैंडल से भ्रामक सूचना फैलाई गई। इसके आधार पर साहिबाबाद में अभियोग पंजीकृत किया गया है। गाजियाबाद पुलिस ने प्रेस नोट जारी करके बताया है कि 15 मई को 6 थाना प्रभारियों के ट्रांसफर किए गए थे। इसमें 2 थाना प्रभारी सामान्य जाति से हैं और 4 अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं।