गाजियाबाद। प्रधानमंत्री आवास योजना में फ्लैट और सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 35 लाख रुपये हड़पने का मामला सामने आया है। ठगी का पता लगने पर पीड़ित ने रकम वापस मांगी तो आरोपियों ने इनकार करते हुए हत्या की धमकी दे डाली। घटना के संबंध में पीड़ित ने सिहानी गेट थाने में चाचा-भतीजों समेत चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
मेरठ में रोहटा रोड ट्रांसपोर्ट नगर निवासी धर्मवीर सिंह का कहना है कि वह मेरठ रोड स्थित श्रीराम पिस्टन कंपनी में नौकरी करते हैं। उनकी ससुराल सिहानी गेट थानाक्षेत्र के नासिरपुर में है। नासिरपुर के रहने वाले पवन कुमार भास्कर, उसके भाई सचिन, चाचा राजेश तथा एक अन्य व्यक्ति ने प्रधानमंत्री आवास योजना का फ्लैट दिलाने तथा बेटे की सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर उनसे 35 लाख रुपये ठग लिए। धर्मवीर सिंह का कहना है कि दिसंबर 2021 में सभी आरोपी उनके घर आए थे। पवन कुमार ने खुद को नगर निगम गाजियाबाद में कार्यरत बताते हुए कहा कि उसके अधिकारियों से अच्छे संबंध हैं।
धर्मवीर के मुताबिक आरोपियों ने बताया कि गाजियाबाद में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बन रहे हैं। एक फ्लैट की कीमत साढ़े 14 लाख रुपये है। उसने कुछ खर्चा बताते हुए फ्लैट दिलाने की बात कही। इसके तहत आरोपियों ने उनके तथा उनकी पत्नी के नाम दो फार्म भरवा दिए। फार्म भरने के दौरान आरोपियों ने उनसे 41 हजार रुपये लिए थे।धर्मवीर सिंह का कहना है कि आरोपियों ने उनसे अलग-अलग बहानों से रकम ऐंठनी शुरू कर दी। फ्लैट की पूछताछ के लिए एक व्यक्ति को भेजकर उसे 50 हजार रुपये दिलवाए। नासिरपुर में बुलाकर कहा कि फाइल लखनऊ पहुंच गई है। फाइल पास कराने के नाम पर उनसे दो लाख रुपए लिए। इसके बाद अपात्र होने के बावजूद फ्लैट आवंटन करने पर जांच बैठने की धमकी दी और फ्लैट रद्द होने से बचाने के लिए दो लाख रुपये वसूले। इसके बाद फ्लैट की नोटरी कराने के लिए 33 हजार रुपये वसूल लिए।
बेटे की नौकरी लगवाने के नाम पर पौने 11 लाख वसूले
धर्मवीर सिंह का कहना है कि जनवरी 2022 में पवन उनके घर आया और गाजियाबाद नगर निगम में बेटे की नौकरी लगवाने की बात कही। इसके बाद आरोपी ने नौकरी के संबंध में अलग-अलग काम बताते हुए उनसे पौने 11 लाख रुपये वसूल लिए। पीड़ित का कहना है कि काफी समय बीतने के बाद भी न तो प्रधानमंत्री आवास योजना का फ्लैट मिला और न ही बेटे की नौकरी लगी। उन्होंने अपने पैसे वापस मांगे तो आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दे डाली। थक-हारकर उन्होंने पुलिस के उच्चाधिकारियों से कार्रवाई की गुहार लगाई।