प्रयागराज। मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय काल्विन के गेट पर माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की हत्या का गुरुवार को सीन दोहराया गया। इस दौरान अस्पताल के आस-पास पुलिस फोर्स को तैनात किया गया था। एसआइटी की टीम ने एक-एक सेकेंड का हिसाब-किताब नोट किया है।
अतीक अहमद और अशरफ की हत्याकांड में अपराधी किस तरफ से आए और कैसे हत्याकांड को अंजाम दिया गया, इसे जांच टीम ने देखा। कॉल्विन अस्पताल परिसर में हत्याकांड के सीन को क्रिएट किया गया। दो लोगों को अतीक और अशरफ बनाया गया। धूमनगंज एसएचओ और घायल सिपाही के बताए गए विवरण के आधार पर पूरे सीन को क्रिएट किया गया। तीन अपराधियों के आने, गोली मारने और सरेंडर तक के सीन को फिर से क्रिएट किया गया। मीडिया कैमरों के सामने एक बार फिर अतीक और अशरफ को मरता दिखाया गया। इस दौरान लखनऊ से गए फॉरेंसिक विभाग की टीम भी मौजूद रही। तमाम घटनाओं को क्रिएट कर स्थिति को समझने का प्रयास किया गया।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता में गठित आयोग पूर्व डीजीपी सुबेश कुमार सिंह व पूर्व जज बृजेश कुमार सोनी जांच के सिलसिले में गुरुवार को प्रयागराज पहुंचे। जांच के दौरान आयोग पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ करेगा। 2 महीने में इस केस की जांच पूरी कर रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी। काल्विन अस्पताल में बिना आईडी कार्ड के मीडियाकर्मियों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
15 अप्रैल को हुई थी अतीक-अशरफ की हत्या
अतीक-अशरफ को उमेश पाल हत्याकांड मामले में पुलिस ने रिमांड पर लिया गया। हत्या वाले दिन दोनों पुलिस के साथ निशानदेही के लिए गए थे। वापसी में उनका मेडिकल काल्विन अस्पताल में हुआ था। वहां से निकलने के बाद मीडिया कर्मियों के वेश में आए अरुण मौर्य, लवलेश तिवारी और सनी ने मौका पाते ही अतीक-अशरफ को गोलियों से भून दिया था।
24 फरवरी को हुई थी उमेश पाल की हत्या
24 फरवरी को प्रयागराज में विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह रहे उमेश पाल और उसके दो सरकारी गनर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से इस हत्याकांड की जांच शुरू की तो उसमें माफिया अतीक अहमद का बेटा उमेश पाल पर गोलियां बरसाते हुए नजर आ रहा आया। पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल 4 आरोपितों को मुठभेड़ में मार गिराया, बाकी अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।