नई दिल्ली। कॉलेजियम और केंद्र सरकार के बीच तनातनी कायम है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाले कॉलेजियम ने एक प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को हिदायत जारी की थी कि मद्रास हाईकोर्ट के वकील जॉन सत्यन को मद्रास हाईकोर्ट का जज बनाया जाए। लेकिन केंद्र ने आज कॉलेजियम की उन तीन साफारिशों पर अमल करते हुए आदेश जारी कर दिया है।
केंद्र ने आज कॉलेजियम की 9 फरवरी को की कई जिस सिपारिश पर मंजूरी दी उसमें तीन हाईकोर्ट के चीफ जस्टिसों की नियुक्ति को मंजूरी दी गई। इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल को सुप्रीम कोर्ट में लाए जाने के बाद प्रितिनकर दिवाकर को वहां का सीजे बनाया गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के ही जज रमेश सिन्हा को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने का नोटिफिकेशन भी केंद्र ने जारी कर दिया।
केरल हाईकोर्ट के जज के. विनोद चंद्रन को पटना हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस भी केंद्र ने बना दिया। कॉलेजियम ने पहले चंद्रन को गुवाहाटी हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बानाने की सिफारिश की थी। लेकिन बाद में उस सिफारिश को वापस लेते हुए उन्हें पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर नियुक्त करने की सिफारिश की गई। पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति मिली है।
सीजेआई ने अगुवाई वाले कॉलेजियम ने केंद्र को दी थी चेतावनी
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और बाकी के दो जजों ने वकील जॉन सत्यन को मद्रास हाईकोर्ट का जज नियुक्त न करने पर नाखुशी जताते हुए कहा कि केंद्र केवल इस वजह से उनको जज नहीं बना रहा क्योंकि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ आर्टिकल लिखा था। कॉलेजियम ने प्रस्ताव पास कर केंद्र के खिलाफ तीखी टिप्पणी भी कीं। इसमें कहा गया है कि जब हमने सत्यम की इस गलती को ओवर रूल कर दिया था तो फिर केंद्र उनको जज बनाने का फैसला क्यों नहीं कर रहा।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र का रवैया गहरी चिंता का विषय है। कॉलेजियम ने जॉन सत्यम के नाम की सिफारिश 17 जनवरी को की थी। लेकिन केंद्र ने अभी तक उनको जज बनाने की मंजूरी नहीं दी। कॉलेजियम ने अपने प्रस्ताव में केंद्र को आदेश दिया कि पहली बार में जिन लोगों को जज बनाने की सिफारिश की गई थी, सत्यम को उन पर तरजीह दी जाए। उनका कहना था कि कॉलेजियम की सिफारिशों को केंद्र नजरंदाज कर रहा है। ये गहन चिंता का विषय है।