गाजियाबाद। करीबन 12 साल पहले उपद्रव करने के एक मामले में कोर्ट ने लोनी भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर सहित पांच को दोषमुक्त कर दिया है। साथ ही झूठी गवाही देने के मामले में 4 पुलिसकर्मियों के खिलाफ वाद दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।
अधिवक्ता परविंदर नागर ने बताया कि छह अक्टूबर 2010 को तत्कालीन डीएलएफ चौकी प्रभारी धर्मेंद्र सिंह ने लोनी थाने में केस दर्ज कराया था जिसमें बताया कि उनके पास रूपकिशोर ने फोन कर कहा कि कुछ लोगों ने चमन विहार के पास पुश्ता रोड पर जाम लगा दिया गया है। सूचना पर वह पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे तो देखा कि वीरेंद्र गुप्ता, राजन तिवारी, सुदेश, सत्यपाल, संजीव व उनके साथियों ने दिल्ली पुश्ता रोड को ठेली व टेंपो लगाकर जाम कर रखा था।
पूछताछ करने पर बताया कि चमन विहार में गाय काट दी गई है, जिसके विरोध में जाम लगाया है। रोकने पर उन्होंने पुलिसकर्मियों पर ईंट-पत्थर फेंके और कलुवा, ताहिर, पीर गुलाम, शरीफ आदि की मीट की दुकानों में आग लगा दी। मामले की गंभीरता देख इसकी सूचना आरटी सेट पर दी तो प्रभारी निरीक्षण मय फोर्स और दमकल की टीम के साथ मौके पर पहुंचे तब जाकर स्थिति पर काबू पाया गया, आग को बुझाया गया। मामले की विवेचना वरिष्ठ उपनिरीक्षक फूल सिंह ने की।
इसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। जब तत्कालीन भाजपा कार्यकर्ता और वर्तमान विधायक नंदकिशोर गुर्जर थाने पर पहुंचे। उन्होंने बिजेंद्र गुप्ता समेत अन्य की गिरफ्तारी का विरोध किया। आरोप है कि पुलिस ने नंदकिशोर गुर्जर को अरेस्ट कर लिया था।
2010 में दाखिल किया था आरोपपत्र
उन्होंने विरेंद्र गुप्ता, राजन तिवारी, करन सिंह, जेपी गौड़,नंद किशोर, कालू यादव व मनोज सिंह के खिलाफ 27 दिसंबर 2010 को आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। इस मामले की सुनवाई वर्तमान में एमपी एलए कोर्ट में चल रही थी। बृहस्पतिवार को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या – सात नेत्रपाल सिंह ने इस मामले में साक्ष्यों के अभाव में वीरेंद्र गुप्ता, राजन तिवारी, करन सिंह, जेपी गौड़, नंद किशोर एवं मनोज सिंह को दोषमुक्त करने के आदेश दिए।
इसके साथ ही इस मामले में गवाह हेड कांस्टेबल तुकमान सिंह, राघवेंद्र सिंह, वीरपाल , कांस्टेबल अरविंद कुमार को विवेचक अथवा न्यायालय में मिथ्या गवाही देने के मामले में वाद दर्ज कर कारण बताओ नोटिस जारी करने और कार्यवाही के लिए आदेश की एक प्रति पुलिस कमिश्नर को भेजने के आदेश दिए।
आपको बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही नंदिकशोर गुर्जर को अंग्रेजो की कब्र तोड़ने के मुकदमे में भी बरी किया गया था।