नई दिल्ली। कैंब्रिज विश्वविद्यालय में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दिए लेक्चर को लेकर भारत में एक विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा है कि , ”कांग्रेस-चाइना भाई-भाई…।” अमित मालवीय ने कहा राहुल गांधी निर्लज्ज तरीके से चीन के अधिनायकवाद को सही ठहराते हैं। कहते हैं कि चीनी समाजिक सद्भावना को सही ठहराते हैं।
28 फरवरी की शाम कैंब्रिज जज बिजनेस स्कूल में विजिटिंग फेलो के तौर पर ‘लर्निंग टू लिसन इन द 21 सेंचुरी’ राहुल गांधी ने में लेक्चर दिया था। इस लेक्चर में राहुल गांधी ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अमेरिका और चीन के “दो अलग-अलग दृष्टिकोण” पर अपनी बात रखी थी। राहुल गांधी के लेक्चर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जाने के बाद से उनकी आलोचना हो रही है। भाजपा ने चीन की ‘प्रशंसा’ के लिए कांग्रेस नेता की खिंचाई की है।
‘पहले विदेश एजेंट हमें निशाना बनाते हैं…’
असम के सीएम और बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, ‘पहले विदेशी एजेंट हमें निशाना बनाते हैं! फिर अपनों ने परदेस में हमको निशाना बनाया ! कैंब्रिज में राहुल गांधी का भाषण और कुछ और नहीं बल्कि पीएम मोदी को निशाना बनाने की आड़ में विदेशी धरती पर हमारे देश को बदनाम करने की एक बेशर्म कोशिश थी।”
हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट किया, ”राहुल गांधी चीन को उभरती हुई महाशक्ति बताते हैं और उसकी तारीफ करते हैं। एक उदाहरण के रूप में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का हवाला देते हैं। फैक्ट ये है कि बीआरआई आज कई देशों के सामने लोन संकट के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है। अंकल पित्रोदा को उन्हें यह बताना चाहिए था।”
‘राहुल गांधी, निर्लज्ज तरीके से…’
भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी राहुल गांधी के लेक्चर पर एक ट्वीट करते हुए कहा, “राहुल गांधी, निर्लज्ज तरीके से, चीन के अधिनायकवाद को सही ठहराते हैं, कहते हैं कि चीनी सामाजिक सद्भाव को महत्व देते हैं। लेकिन व्यक्तिगत स्वतंत्रता उनके (चीन) विचार के केंद्र में नहीं है … वे (चीन) नहीं चाहते हैं कि चीजें कभी भी उनसे आउट ऑफ कंट्रोल जाए। अमेरिका के लिए व्यक्तिगत स्वतंत्रता मायने रखता है।”