नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की 1995 में हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए बलवंत सिंह राजोआना की याचिका पर गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। याचिका में मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की मांग की गई है।
जस्टिस बीआर गवई, विक्रम नाथ और संजय करोल की पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रखने से पहले दोषी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज की दलीलें सुनीं। राजोआना पिछले 26 साल से जेल में है। रोहतगी ने कहा, मौत की सजा के मामले में लंबे समय तक दया याचिका को लंबित रखना मौलिक अधिकार का हनन है।
राजोआना की दया याचिका एक दशक से अधिक समय से सरकार के समक्ष लंबित है। शीर्ष कोर्ट ने पिछले साल 11 अक्टूबर को कहा था कि राजोआना की याचिका पर सुनवाई के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ का गठन किया जाएगा।
26 साल से जेल में है बंद
राजोआना पर पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या का आरोप है। उसे फांसी की सजा सुनाई गई थी। बेअंत सिंह की 1995 में हत्या की गई थी। इस मामले में मौत की सजा पाए राजोआना ने 26 साल जेल काटने के आधार पर अपनी सजा उम्रकैद में बदले जाने की गुहार लगाई है।