‘मैंने 100 साल पुराने 3 मंदिर तोड़े, पता था वोट नहीं मिलेंगे’, DMK नेता का वीडियो वायरल

चेन्नई। अपने बयानों को लेकर विवादों से घिरे तमिलनाडु और डीएमके के वरिष्ठ नेता टीआर बालू ने एक बार फिर आलोचनाओं के घेरे में हैं। इस बार इसका कारण उनका एक वीडियो है। दरअसल, टीआर बालू का एक वीडियो वायरल हो रहा है, इसमें वह कहते दिख रहे हैं कि उन्होंने कई मंदिरों को तोड़ा है। इससे पहले शनिवार को उन्होंने कहा था कि डीएमके अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को छूने वाले किसी भी व्यक्ति को वे बर्दाश्त नहीं करेंगे। इतना ही नहीं ऐसा करने वाले का वह हाथ काट देंगे।

डीएमके नेता टीआर बालू का वीडियो मदुरै की एक जनसभा का है। इसमें उन्होंने कहा कि कई मौकों पर उन्होंने धार्मिक विश्वासों से समझौता किया। उन्होंने आगे कहा कि ‘मेरे निर्वाचन क्षेत्र में ग्रैंड सदर्न ट्रक रोड (जीएसटी) पर सरस्वती मंदिर, लक्ष्मी मंदिर और पार्वती मंदिर को तोड़ा गया। मैंने ही इन तीनों मंदिरों को तोड़ा।’

पता था वोट नहीं मिलेगा
टीआर बालू ने आगे कहा कि उन्होंने यह जानते हुए कि मंदिरों को तोड़ने से उन्हें वोट नहीं मिलेगा, के बाद भी यह कदम उठाया। मेरे समर्थकों ने मुझे चेतावनी भी दी थी कि अगर मंदिर तोड़े गए तो मुझे वोट नहीं मिलेंगे। लेकिन मैंने उनसे कहा कि कोई दूसरा रास्ता नहीं है।’ उन्होंने आगे बताया कि विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए यह कदम उठाना जरूरी था। उन्होंने आगे कहा कि मैंने बेहतर सुविधाओं के साथ बेहतर मंदिरों का भी निर्माण कराया है। इस तरह, कई जगहों पर मैंने धार्मिक विश्वासों को भी पूरा किया और परियोजनाओं को पूरा किया।

सेतुसमुद्रम परियोजना को लेकर केंद्र पर साधा निशाना
मदुरै में जनसभा के दौरान डीएमके सांसद ने सेतुसमुद्रम नौवहन नहर परियोजना को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि परियोजना को रोकने का केंद्र का फैसला एक ट्रेन को बीच रास्ते में अचानक रोकने जैसा है।

तमिलनाडु भाजपा प्रमुख ने शेयर किया वीडियो
वहीं, तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने टीआर बालू के भाषण का वीडियो शेयर किया है। अन्नामलाई ने ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए कहा, ‘डीएमके के लोग 100 साल पुराने हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने में गर्व महसूस करते हैं। यही कारण है कि हम हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग (एचआर एंड सीई) को भंग करना चाहते हैं और चाहते हैं कि मंदिर सरकार के चंगुल से मुक्त हो।’

सेतुसमुद्रम परियोजना को लेकर तमिलनाडु विधानसभा ने पारित किया था प्रस्ताव
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में तमिलनाडु विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से सेतुसमुद्रम परियोजना को बिना किसी देरी के लागू करने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा पेश किए गए इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से परियोजना में देरी नहीं करने का अनुरोध किया गया था। प्रस्ताव में दलील दी गई थी कि यह परियोजना तमिलनाडु और देश की आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।

क्या है सेतुसमुद्रम परियोजना
सेतुसमुद्रम परियोजना में पाक जलडमरूमध्य को मन्नार की खाड़ी से जोड़ने का प्रस्ताव है। साल 2005 में यह परियोजना कमीशन की गई था। हालांकि दक्षिणपंथी समूह शुरुआत से ही इसके विरोध में हैं, उनका दावा था कि यह परियोजना ‘राम सेतु’ पुल को नुकसान पहुंचा सकती है। ‘रामसेतु’ के बारे में माना जाता है इसे भगवान राम द्वारा निर्मित किया गया है।

सेतुसमुद्रम परियोजना में पाक जलडमरूमध्य में एक नहर बनाकर जहाज की यात्रा को लगभग 650 किमी तक कम करने का प्रस्ताव भी शामिल है। इस परियोजना को तमिलनाडु और देश में आर्थिक समृद्धि लाने की कुंजी के रूप में देखा जाता है।

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