गाजियाबाद: 160 की रफ्तार से रैपिड रेल ने पूरा किया 17 किमी का सफर

गाजियाबाद। देश की पहली रैपिड रेल बुधवार को दुहाई डिपो स्टेशन से साहिबाबाद तक पहली बार 17 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर दौड़ी। इस दौरान इसकी रफ्तार 160 किमी. प्रति घंटा थी। हालाँकि अधिकतम रफ्तार 180 किमी. प्रति घंटा रहने वाली है। फाइनल ट्रायल रन की डेट जल्द घोषित की जाएगी।

साहिबाबाद से मेरठ रोड तिराहा स्टेशन (गाजियाबाद स्टेशन) तक 25 केवीए की ओवर हेड इक्विपमेंट (ओएचई) लाइन चार्ज होने के बाद पूरे एलिवेटेड कॉरिडोर पर रैपिड रेल दौड़ी।एनसीआरटीसी के इंजीनियर, तकनीशियन, आर्किटेक्ट के साथ कर्मचारियों की निगरानी में यह ट्रायल हुआ। इस दौरान रेल के अंदर इंजीनियरों की पूरी टीम मौजूद रही। पहली बार रेल पहले खंड के एलिवेटेड वाले भाग में तेज रफ्तार से चली। दुहाई डिपो में छह कोच के चार ट्रेन सेट आने के बाद तकनीकी परीक्षण जारी है।

NCRTC प्रवक्ता पुनीत वत्स ने बताया पूरे प्राथमिकता खंड पर तकनीशियन और विशेषज्ञों की निगरानी में टेस्टिंग ट्रायल किया जा रहा है। भार क्षमता का पूर्व में परीक्षण किया जा चुका है। पहले खंड पर मार्च 2023 से रैपिड रेल का संचालन शुरू होना है। अन्य खंडों का कार्य भी तेज गति से जारी है। पुनीत वत्स का कहना है कि पहले फेज में साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच (17 किलोमीटर लंबाई) रैपिड ट्रेन का संचालन मार्च-2023 में होना है। ट्रायल रन की सारी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो स्टेशन ट्रायल रन के लिए बनकर तैयार हो चुके हैं और इनकी फिनशिंग हो रही है।

मरीज स्ट्रेचर सहित जा सकेंगे
रैपिड रेल कोच में मरीजों के लिए व्हीलचेयर और स्ट्रेचर रखने के इंतजाम किए है। स्टेशन डिजाइन में इसका ख्याल रखा है। आपात स्थिति में मरीज को स्टेशन में प्रवेश और ट्रेन में सवार होने एवं बाहर निकलने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। गंभीर मरीज रैपिड से आ और जा सकेंगे। अलग से ग्रीन कॉरिडोर बनाने की जरूरत नहीं होगी। मरीजों से कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं वसूला जाएगा।

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