कोरोना से हो रही मौतों को बहुत कम करके बता रहा चीन: WHO

बीजिंग। चीन में कोरोना से मौत के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अपने परिजनों के दाह संस्कार के लिए लोगों को रात-रात भर इंतजार करना पड़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि चीन कोरोना से हो रही मौतों के आंकड़ों को बहुत ही कम करके बता रहा है, जिसकी वजह से चीन में कोरोना के असल खतरे का आंकलन नहीं हो रहा है।

WHO ने कहा कि हमारा मानना है कि चीन में कोरोना से मरने वालों की संख्या को बहुत ज्यादा कम करके बताया जा रहा है। चीन ने कोरोना से मरने वालों की जो परिभाषा तय की है वह बहुत ही गलत है, जरूरत है कि डॉक्टरों की संख्या को बढ़ाना चाहिए और उन्हें कहना चाहिए कि कोरोना से मरने वालों की संख्या की जानकारी दें, उन्हें ऐसा करने के लिए बढ़ावा देना चाहिए नाकि रोकना चाहिए।

WHO ने कहा कि चीन में हमे अभी भी नहीं पता है कि सही जानकारी क्या है जिससे की हम जोखिम का अंदाजा लगा सके। चीन ने बेढंगे तरीके से जीरो कोविड नीति को पिछले महीने लागू किया है। तीन साल तक कोरोना पाबंदी के बाद एकदम से यह फैसला लिया गया और जिसकी वजह से कोरोना का संक्रमण काफी तेजी से फैला और अस्पतालों में मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई, अंतिम संस्कार के लिए शवों की संख्या काफी बढ़ गई। लेकिन चीन के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने चीन में कोरोना से सिर्फ 37 लोग मारे गए हैं।

बता दें कोरोना वायरस सबसे पहले 2019 में चीन के वुहान में मिला था। तब से कम्युनिस्ट पार्टी आंकड़ों को कम करके पश्चिमी देशों से एक वैचारिक लड़ाई लड़ रही है। चीन का दावा है कि कोरोना महामारी की शुरुआत से अब तक सिर्फ 5,272 मौतें हुई हैं। वहीं, ग्लोबल हेल्थ एनालिटिक्स फर्म एयरफिनिटी का अनुमान है कि सिर्फ 1 दिसंबर 2022 के बाद से ही लगभग 5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना से मौत की परिभाषा भी चीन ने बदल दी है। वह सिर्फ अब उन्ही लोगों की मौत को कोरोना से मानता है, जिन्हें सांस से जुड़ी कोई समस्या हुई हो।

एयरफिनिटी के मुताबिक चीन में 23 जनवरी के बाद से 25,000 लोगों की एक दिन में मौत संभव है। चीन के झूठ को मैक्सर टेक्नोलॉजी की ओर से खींची गई सैटेलाइट तस्वीरों ने दुनिया के सामने रख दिया है। तस्वीरों में दिख रहा है कि चीन के छह शहरों के कब्रिस्तान और शवदाह ग्रह में गाड़ियों की पार्किंग पूरी तरह से भरी हुई है। जबकि दिसंबर के शुरुआती हफ्ते में यह पूरी तरह खाली था। एक तस्वीर में दिख रहा है कि पार्किंग के लिए फसल को काट कर खेत में जगह बनाई गई है।

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