हैदराबाद। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर पलटवार करते हुए तीखे सवाल पूछे हैं। ओवैसी ने पूछा कि मुसलमानों को भारत में रहने या हमारे धर्म का पालन करने की इजाजत देने वाले मोहन कौन होते हैं? ओवैसी ने कहा कि हम भारतीय हैं, क्योंकि अल्लाह ने चाहा।
ओवैसी ने कहा कि उन्होंने हमारी नागरिकता पर शर्तें लगाने की हिम्मत कैसे की? हम यहां अपने विश्वास को समायोजित करने या नागपुर में कथित ब्रह्मचारियों के समूह को खुश करने के लिए नहीं हैं।” उन्होंने कहा, “मोहन कहते हैं कि भारत को कोई बाहरी खतरा नहीं है। संघी दशकों से आंतरिक शत्रुओं और युद्ध की स्थिति का रोना रो रहे हैं और लोक कल्याण मार्ग में उनके स्वयं के स्वयंसेवक कहते हैं, ना कोई घुसा है…।”
‘स्वयंसेवक सरकार 8 सालों से सो रही है?’
ओवैसी ने कहा, “चीन के लिए यह चोरी और साथी नागरिकों के लिए सीनाजोरी क्यों? अगर हम सच में युद्ध में हैं, तो क्या स्वयंसेवक सरकार 8 सालों से सो रही है? उन्होंने कहा, “आरएसएस की विचारधारा भारत के भविष्य के लिए खतरा है। भारतीय असली आंतरिक शत्रुओं को जितनी जल्दी पहचान लें, उतना ही अच्छा होगा।” ओवैसी ने कहा कि कोई भी सभ्य समाज धर्म के नाम पर इस तरह की नफरत और कट्टरता को बर्दाश्त नहीं कर सकता।
ओवैसी ने पूछा, “मोहन को हिंदुओं का प्रतिनिधि किसने चुना? क्या वह 2024 में चुनाव लड़ रहे हैं? तो उनका स्वागत है।” उन्होंने कहा, “ऐसे बहुत से हिंदू हैं, जो RSS की बयानबाजी को भड़काऊ मानते हैं। ऐसे में अल्पसंख्यक कैसा महसूस करते हैं, यह तो दूर की बात है।” उन्होंने कहा, “यदि आप अपने ही देश में विभाजन पैदा करने में व्यस्त हैं, तो आप दुनिया के लिए वसुधैव कुटुम्बकम् नहीं कह सकते।” ओवैसी ने पूछा, “प्रधानमंत्री दूसरे देशों के सभी मुस्लिम नेताओं को गले लगाते हैं, लेकिन अपने देश में एक भी मुस्लिम को गले लगाते नहीं देखा गया।”
मोहन भागवत ने क्या कहा था?
संघ प्रमुख ने आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर और पांचजन्य को इंटरव्यू दिया था। इसमें उन्होंने कहा था, “यह सीधी सी बात है कि हिंदुस्तान को हिंदुस्तान ही रहना चाहिए। आज भारत में रह रहे मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है। रहना चाहते हैं, रहें। पूर्वज के पास वापस आना चाहते हैं, आएं। उनके मन पर है। इस्लाम को कोई भय नहीं है, लेकिन साथ साथ मुसलमान अपनी श्रेष्ठता से जुड़े बड़बोले बयानों को छोड़ दें।”
उन्होंने आगे कहा, “हम एक महान नस्ल के हैं, हमने एक बार इस देश पर शासन किया था और इस पर फिर से शासन करेंगे, सिर्फ हमारा रास्ता सही है, बाकी सब गलत हैं। हम अलग हैं, इसलिए हम ऐसे ही रहेंगे, हम साथ नहीं रह सकते, मुस्लिमों को, इस नैरेटिव को छोड़ देना चाहिए। वास्तव में, यहां रहने वाले सभी लोग- चाहे हिंदू हों या कम्युनिस्ट- इस तर्क को छोड़ देना चाहिए।”