गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला, द रेसिस्टेंस फ्रंट के बाद पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट पर लगा बैन

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखौटा संगठन पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) पर जम्मू-कश्मीर और अन्य स्थानों पर आतंकी गतिविधियों में उसकी संलिप्ता के चलते प्रतिबंध लगा दिया। इससे पहले गुरुवार को सरकार ने द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को बैन किया था।

गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार का मानना है कि पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है और इसने भारत में आतंकवाद के विभिन्न कृत्यों को अंजाम दिया है और इसमें भाग लिया है। पीएएफएफ अन्य संगठनों के साथ जम्मू कश्मीर और भारत के अन्य प्रमुख शहरों में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए सक्रिय रूप से साजिश रचने में शामिल है और इसके लिए सोशल मीडिया का भी सहारा ले रहा है। बयान में कहा गया है कि पीएएफएफ अन्य आतंकी संगठनों के साथ मिलकर भर्ती के उद्देश्य से युवाओं को कट्टरपंथी बना रहा है और उन्हें बंदूक, गोला-बारूद और विस्फोटकों के संबंध में प्रशिक्षण दे रहा है।

पीएएफएफ का अलकायदा से संबंध
पीएएफएफ आतंकी समूह अंसार गजवत-उल-हिंद के मारे गए कमांडर जाकिर मूसा से भी प्रेरित है और इसका झुकाव वैश्विक आतंकी संगठन अलकायदा की तरफ है। PAFF ने कश्मीर में जी-20 बैठक का आयोजन करने के खिलाफ धमकी भी दी थी।

गृह मंत्रालय ने द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के एक कमांडर शेख सज्जाद गुल को भी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 की चौथी अनुसूची के तहत एक आतंकवाद घोषित किया। गृह मंत्रालय ने 5 जनवरी को मोहम्मद अमीन खुबैब उर्फ​​​​अबू खुबैब को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत एक आतंकवादी घोषित किया। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले का निवासी खुबैब वर्तमान में पाकिस्तान में स्थित है और लश्कर-ए -तैयबा के लॉन्चिंग कमांडर के रूप में कार्य कर रहा है।

टीआरएफ आतंकी संगठन का गठन 2019 में हुआ था। गृह मंत्रालय के मुताबिक यह संगठन युवाओं की ऑनलाइन भर्ती कर उन्हें आतंकी गतिविधियों में शामिल करवा रहा था। टीआरएफ सीमा पार से घुसपैठ और हथियारों और ड्रग्स की तस्करी में शामिल है। गृह मंत्रालय ने कहा कि आतंकवादी संगठन जम्मू-कश्मीर के लोगों को सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ भड़का रहा था।

Exit mobile version