दुहाई डिपो से गाजियाबाद तक चली रैपिड रेल, नए साल में सफल परीक्षण

गाजियाबाद। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC, एनसीआरटीसी) द्वारा मंगलवार को रैपिड ट्रेन का स्लो स्पीड ट्रायल रन मुख्य ट्रैक पर दुहाई डिपो से निर्माणाधीन गाजियाबाद स्टेशन के समीप तक किया गया। रैपिड रेल को 5 किमी. से 25 किमी. तक रफ्तार के साथ दौड़ाया गया। एनसीआरटीसी ने दावा किया है कि बस 88 दिनों के अंदर रैपिड रेल के पहले चरण का संचालन शुरू हो जाएगा।

एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने बताया, नव वर्ष में ओएचई को दुहाई डिपो के फीडिंग पोस्ट से लेकर गाजियाबाद स्टेशन के पास बने फीडिंग पोस्ट तक 25 केवी की क्षमता के साथ चार्ज किया गया है। इसके परीक्षण के लिए ट्रेन को पहली बार डिपो से बाहर निकालकर गाजियाबाद तक लाया गया। ट्रैक और ट्रैकशन के परीक्षण की प्रक्रिया के दौरान ट्रेन को दुहाई स्टेशन से चलाकर गुलधर स्टेशन पर ले जाया गया। जिसमें ट्रेन की रफ्तार 5 किमी प्रतिघण्टा तक रखी गयी। यहां तक ओएचई का प्रदर्शन सफल रहने के बाद ट्रेन को गाजियाबाद स्टेशन की ओर आगे बढ़ाया गया और स्टेशन से पहले बने क्रॉसओवर से ट्रेन को वापसी के लिए तैयार किया गया। इस दौरान ट्रेन को ऑपरेटर ने ट्रेन कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम (टीसीएमएस) के तहत मैन्यूअल तरीके से चलाया।

पुनीत वत्स ने बताया कि आरआरटीएस नेटवर्क के परीक्षण की प्रक्रिया में पहले इसके सभी तत्वों की अलग-अलग जांच की जाती है। इसके सफल होने के बाद सभी सब-सिस्टम, ओएचई, ट्रैक, टेलीकाम एवं सिग्नलिंग के साथ-साथ स्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर, प्लेटफार्म स्क्रीनडोर्स की एक दूसरे के साथ अनुकूलता की जांच करने के लिए एकीकृत रूप में परीक्षण किया जाता है।

पुनीत वत्स ने कहा कि ओएचई वायर को इंस्टॉल करने का काम आखिरी चरण में पहुंच चुका है। जल्द ही फर्स्ट फेज में साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक ट्रायल रन की शुरुआत की जाएगी। जबकि इस फेज में रैपिड रेल का विधिवत संचालन मार्च 2023 से प्रारंभ होगा।

34 मीटर के दो पिलर के बीच रखा गया पुल
82 किमी लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर में मोहिउद्दीनपुर के पास एकमात्र ऐसा स्थान होगा, जहां एक व्यस्ततम सड़क मार्ग के ऊपर से मालगाड़ियां गुजरेंगी और फिर उसके ऊपर से रैपिड रेल के एक साथ गुजरने का नज़ारा दिखाई देगा। ईडीएफसी को पार करने के लिए रैपिड रेल के पिलर्स की ऊंचाई भी बढ़ाई गई है। ईडीएफसी के दोनों ओर दो पिलर्स बनाकर पुल को स्थापित किया है। इन दोनों पिलर्स के बीच 34 मीटर की दूरी है।

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