भोपाल। मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की तेजतर्रार नेत्री उमा भारती की अपनी ही पार्टी से तल्खी लगातार बढ़ रही है। शराबबंदी पर शिवराज सरकार की टेंशन बढ़ा रहीं उमा ने अब लोधी समाज से अपने हितों का ध्यान में रखकर वोट देने की अपील की है।
लोधी समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा उमा भारती ने कहा कि मैं अपनी पार्टी के मंच पर आऊंगी, मैं लोगों से वोट मांगूंगी, मैं कभी नहीं कहती कि आप लोधी हैं, आप बीजेपी को वोट दें। मैं सभी से भाजपा को वोट देने के लिए कहती हूं क्योंकि मैं अपनी पार्टी का एक वफादार सिपाही हूं। मैं आपसे से जरा भी उम्मीद नहीं रखूंगी कि आप पार्टी के एक वफादार सिपाही होंगे और वोट करेंगे।
उमा भारती ने आगे कहा कि आपको अपने आसपास के हितों को देखना होगा क्योंकि यदि आप पार्टी कार्यकर्ता नहीं हैं तो आपको सभी चीजों को देखने के बाद ही अपने बारे में फैसला करना होगा। हम प्यार के बंधन में बंधे हैं, लेकिन राजनीतिक बंधन में, आप मेरी तरफ से पूरी तरह से मुक्त हैं। कार्यक्रम के दौरान मंच पर भाजपा विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल के भाई भाजपा विधायक जालम सिंह पटेल भी मौजूद थे।
जानकार बताते हैं कि उमा भारती को पार्टी में महत्व नहीं मिल रहा है। उनकी पूछ-परख भी कम हुई है। इसी वजह से भले ही वह पार्टी नेतृत्व की तारीफ करें, लेकिन उनकी दूरियां लगातार बढ़ी है। उमा भारती को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। उनके करीबी प्रीतम लोधी ने ब्राह्मण समाज पर टिप्पणी के बाद माफी मांग ली थी। इसके बाद भी उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। इस बात को लोधी समाज में स्वीकार नहीं किया गया है। इसे लेकर लोधी समाज के पदाधिकारी 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को सबक सिखाने का अल्टीमेटम भी दे चुके हैं।
इससे पहले उमा भारती शराबबंदी के लिए आंदोलन करने का एलान करने के साथ ही शराब दुकान पर पत्थर तक फेंक चुकी हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश की नई शराब नीति में बदलाव तक भवन त्याग का भी एलान किया था, लेकिन वह वापस ले लिया।
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