प्रदूषण फैला रहे वाहनों पर 78 लाख रुपये का लगा जुर्माना

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नोएडा। दिल्ली और नोयडा में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने की पहल जारी है। इस बीच एक चौकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक गौतम बुद्ध परिवहन विभाग ने प्रदूषण को रोकने वाले नियमों का तोड़ने वाले वाहन मालिकों पर 78 लाख रुपये से अधिक का चालान काटा है। एक सीनियर ऑफिसर्स के मुताबिक इस कार्रवाई में चालान के साथ निजी और कॉर्मर्शियल सहित दर्जन वाहनों को जब्त कर लिया गया है।

उत्तर में नोएडा और ग्रेटर नोएडा सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा था। जिसकी वजह से हाल ही में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) 1 अक्टूबर से लागू किया गया था।ऑफिशियल डेटा के मुताबिक, एक अक्टूबर से 15 नवंबर तक प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र नहीं होने पर वाहन मालिकों के 780 चालान काटे जा चुके हैं। अन्य 69 चालान उन वाहनों पर लगाए गए जो गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे थे। इसमें उन्हें कचरा या निर्माण सामग्री का परिवहन करके प्रदूषण फैलाते पाए गए।

आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई कि 10 साल से पुराने डीजल से चलने वाले 26 वाहन और 10 साल से पुराने पेट्रोल से चलने वाले 17 वाहन पकड़े गए, जिन पर चालानी कार्रवाई की गई। सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) प्रशांत तिवारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि, ”पीयूसी नियमों का उल्लंघन करने पर अपराधी पर 10,000 रुपये का चालान काटा जाता है, जबकि अपने वाहनों में खुले में प्रदूषण फैलाने वाली सामग्री ले जाने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।”

उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग जीआरएपी के प्रदूषण संबंधी दिशा-निर्देशों को लागू कर रहा है और भविष्य में भी गौतम बुद्ध नगर में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण के उच्च स्तर को देखते हुए, जीआरएपी आम जनता के लिए भी सिफारिशें करता है।

एनसीआर में विभिन्न सरकारों के लिए अनुशंसित उपायों में सड़क पर यातायात को कम करने के लिए कर्मचारियों के लिए एकीकृत आवागमन शुरू करने के लिए कार्यालयों को प्रोत्साहित करने के कदम हैं। इसने सरकार से लोगों को सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने, निजी वाहनों के उपयोग को कम करने, वाहनों के इंजनों को ठीक से ट्यून करने, टायरों में उचित वायु दबाव बनाए रखने, वाहनों के पीयूसी सर्टिफिकेट को अपडेट करने के लिए की भी सिफारिश की।

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