पीएचडी के लिए अब लड़कियों-महिलाओं को नहीं पड़ेगा भागना

नई दिल्ली। यूजीसी ने पीएचडी करने वाली लड़कियों-महिलाओं को बड़ी राहत दी है। उन्हें अब दूसरी जगह जाकर पीएचडी पूरी करने की छूट मिलेगी। इसके लिए बार-बार उन्हें अपने शहर पीएचडी पूरी करने के लिए नहीं आना पड़ेगा। अब उनका सारा काम दूसरी जगह ट्रांसफर हो सकेगा।

यूजीसी के नए नियमों के मुताबिक शादी के चलते या अन्य कारणों से महिला शोधार्थी दूसरी जगह जाती हैं और वहां के किसी संस्थान में पीएचडी जारी रखना चाहती हैं तो उन्हें अनुमति दी जाएगी। शोध को दूसरी जगह से करने के लिए सभी नियम और शर्तों का ध्यान रखा जाएगा। यह भी ध्यान रखा जाएगा कि शोध मूल संस्थान या पर्यवेक्षक द्वारा किसी वित्त पोषण एजेंसी से प्राप्त न किया गया हो। इस नियम के तहत शोधार्थी का अब तक का किया पूरा काम ट्रांसफर हो जाएगा।

यूजीसी ने नियमों में किया बदलाव
शोधार्थी को उसके हिस्से का क्रेडिट अपने मूल संस्थान या सुपरवाइजर को देना पड़ेगा। अभी तक महिला शोधार्थियों को दो वर्ष का अतिरिक्त समय शोध पूरा करने के लिए दिया जाता था। वहीं इस दौरान मातृत्व अवकाश व बच्चों की देखभाल अवकाश के रूप में अधिकतम 240 दिनों की छुट्टी की सुविधा भी थी।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) नई दिल्ली ने शोध के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। सात नवंबर को जारी गजट के अनुसार अब कहीं भी सेवारत कर्मचारी या शिक्षक पार्टटाइम पीएचडी कर सकेंगे। पहले सरकारी सेवारत कर्मचारियों या शिक्षकों को शोध करने के लिए अपने विभाग से अध्ययन अवकाश लेना पड़ता था।

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