गाजियाबाद। गाजियाबाद में 18 वर्षीय युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। युवक मां से बुलेट मोटरसाइकिल और नया मोबाइल मांग रहा था। मां के मना करने पर उसने ऐसा आत्मघाती कदम उठा लिया। जांच में पुलिस को कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। एक साल पहले साइकिल न दिलाने पर भी उसने नींद की गोलियां खा ली थीं।
इंदिरापुरम थाना क्षेत्र की रीगल शिप्रा सनसिटी सोसायटी में सुषमा अपने दो बेटों पीयूष और पारस के साथ फ्लैट में रहती हैं। सुषमा का अपने पति से तलाक हो चुका है। उनका बेटा पीयूष नोएडा सेक्टर-60 की निजी कंपनी में जॉब करता है। जबकि पारस ने एक पैर में लकवा होने की वजह से 11वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। सोमवार दोपहर करीब 2:00 बजे पारस ड्यूटी पर चले गए थे। इस दौरान घर पर सुषमा और एक रिश्तेदार के अलावा पारस था।
सुषमा ने बताया कि दोपहर में पारस खाना नहीं खाया था और उसके बाद कमरे में चला गया। रात करीब 8 बजे तक वह बाहर नहीं आया तो उन्हें शक हो गया। वह और एक रिश्तेदार कमरे के बाहर पहुंचीं तो काफी प्रयास के बाद गेट नहीं खुला। उन्होंने खिड़की से झांक कर देखा तो पारस पंखे से लटका हुआ था।
पुलिस ने मृतक की मां से पूछताछ की। मां ने बताया कि पारस अक्सर बुलेट मोटरसाइकिल और नए मोबाइल की डिमांड करता था और हर बार वे इसके लिए मना कर देती थीं। संभवत: इसी बात से नाराज होकर पारस ने आत्मघाती कदम उठाया है।
जांच पड़ताल के दौरान पता चला कि पिछले साल भी पारस ने साइकिल दिलाने की जिद की थी लेकिन वह उसे साइकिल दिलाने में असमर्थ है। इससे नाराज होकर उसने काफी सारी नींद की गोलियां खा ली थीं। वह उसे निजी अस्पताल में ले गए और डॉक्टर ने उपचार कर जान बचाई थी। पारस तीन भाइयों में सबसे छोटा था। बड़े भाई ने छह साल पहले आत्महत्या कर ली थी। उसके बाद दो भाई रह गए। अब पारस ने भी जान दे दी।