नई दिल्ली। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने दो महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने की साजिश रची थी। 12 जुलाई को उनकी पटना रैली में विस्फोट की तैयारी की थी। इसके लिए पीएफआई का टेरर मॉड्यूल खतरनाक हथियारों और विस्फोटकों जुटाने में लगा हुआ था।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, केरल से गिरफ्तार हुए PFI सदस्य शफीक पायेथ के रिमांड नोट में ईडी ने सनसनीखेज दावे किए हैं। पीएफआई ने इस साल 12 जुलाई को पीएम मोदी के पटना दौरे पर हमला करने के लिए ट्रैनिंग कैंप लगाया था। खास बात ये है कि जुलाई में भी पटना से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई थी। उस समय उनसे बरामद दस्तावेजों में ‘इंडिया 2047’ नाम से पीएफआई की बुकलेट भी थी जिसमें 2047 तक भारत को मुस्लिम देश बनाने का ‘आतंकी ब्लूप्रिंट’ था।
उस समय भी यह बात सामने आई थी कि पीएफआई अपने नापाक मंसूबों के लिए जगह-जगह ट्रेनिंग कैंप भी लगा रही है। हालांकि, तब बिहार पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया था। पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने पीएफआई के ट्रेनिंग कैंपों की आरएसएस की शाखाओं से तुलना कर दी थी। बाद में विवाद बढ़ने पर उन्होंने सफाई भी दी थी।
गुरुवार को हुई थी बड़ी कार्रवाई
नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी और ईडी की गुरुवार को पीएफआई के खिलाफ देशभर में चलाए गए अबतक के सबसे बड़े ऑपरेशन के दौरान संगठन से जुड़े 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। 15 राज्यों की 93 जगहों पर पीएफआई के दफ्तरों और उसके नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी चली थी। कार्रवाई में स्थानीय पुलिस भी शामिल रहीं। ईडी इससे पहले भी इन सभी से मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान पूछताछ कर चुकी है।
इधर, जांच एजेंसी ने पायेथ पर भी शिकंजा कसा है। आरोप है कि उसने भारत में NRI खाते का इस्तेमाल कर PFI के लिए विदेश से धन ट्रांसफर किया। रिपोर्ट के अनुसार, ईडी ने बताया है कि बीते साल पायेथ के ठिकानों पर रेड की थी। एजेंसी ने कहा, ‘पीएफआई और उससे जुड़ी संस्थाओं के खातों में 120 करोड़ रुपये से ज्यादा जमा किए गए थे। इसका एक बड़ा हिस्सा देश और विदेश से संदिग्ध स्त्रोत से कैश में जमा किया गया था।’
यूपी में संवेदनशील जगहों और हस्तियों पर एक साथ हमले की भी थी योजना
ईडी ने पीएफआई पर ‘देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को खतरे’ में डालने वाली गतिविधियों और आपराधिक साजिश का आरोप लगाया है। जांच के दौरान पीएफआई और उसके सदस्यों के तमाम बैंक अकाउंट्स का विश्लेषण किया गया और आरोपियों के बयान दर्ज किए गए।