गाजियाबाद: इंस्टाग्राम पर दोस्ती कर महिला डॉक्टर से 29 लाख की ठगी

गाजियाबाद। मसूरी थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला डाक्टर से इंस्टाग्राम के दोस्त के झांसे में आकर लाखों रुपये गंवा बैठी। आरोपित ने डाक्टर से करीब 30 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित डाक्टर ने मामले में आरोपित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।

क्षेत्र के एक अस्पताल में तैनात पीड़ित महिला डाक्टर की वर्ष 2018 में इंस्टाग्राम पर फ्रैंक विलियम्स नाम के व्यक्ति के साथ दोस्ती हुई थी। शख्स ने खुद को जर्मनी का बताया और पोलेंड में जहाज पर सेलर का काम करने की बात कही। वक्त बीतने के साथ दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई। कुछ दिन बात होने के बाद उसने महिला से कहा कि उसे कुछ ट्रांजेक्शन करनी हैं, लेकिन शिप पर नेटवर्क का इशू होता है। इसलिए वह ट्रांजेक्शन कर दे। उनसे कहा कि वह अपनी बैंकिंग डिटेल भेज रहा है। इसके कुछ देर बाद ही उसने बैंकिंग डिटेल उसे दे दी। डॉक्टर ने उस खाते से 70 हजार डॉलर की पेमेंट भी उसके बताए अकाउंट में कर दी। इसके बाद ठगी का खेल शुरू हुआ।

उनका कहना है कि कुछ दिन बाद उसने इंटरनेशनल भुगतान करने से आईपी एड्रेस ट्रेस होने से पेनल्टी लगने की बात कही ऐसे में उसने 85 हजार रुपये उनसे ले लिए। महिला ने बताया कि उसने कुछ दिन बाद दोबारा उसी प्रकार पेमेंट करने के लिए कहा। जब उसने ट्राई किया तो इस बार पेमेंट नहीं हुई। उन्हें बताया गया कि उनका आईपी ट्रेस हुआ है और अगर पेमेंट करनी है तो 85 हजार रुपये का कोड लेना होगा।

करियर खराब होने की बात कर मांगे रुपये
पीड़िता के अनुसार वह एक एमबीबीएस डॉक्टर हैं और ठग ने उससे कहा कि उसका पूरा डेटा एजेंसी के पास पहुंच गया है। जिसमें वह उसे संदिग्ध लोगों को फंडिंग के आरोप में फंसा सकते हैं। करियर और बड़े मामले में फंसने का डर दिखाकर उससे 15 दिनों में 29 लाख 42 हजार रुपये ले लिए गए। इस दौरान ठग ने उसे बचाने का झांसा दिया और उसकी जूलरी तक बिकवा दी। रुपये देने के लिए महिला ने अपने कई दोस्तों तक से रुपये लिए।

परेशान महिला चिकित्सक ने साइबर सेल में शिकायत कर रिपोर्ट दर्ज कराई है। साइबर सेल प्रभारी सौरभ विक्रम सिंह का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। शातिर को ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है। शुरुआती जांच में सामने आया है महिला को जिस अकाउंट की डिटेल भेजी गई थी वह एक डमी साइट थी। जिसमें न रुपये थे और न कोई ट्रांजेक्शन हुई थी। महिला को फंसाने के लिए एक लिंक के साथ उसे ऐसा पेज बनाया गया था, जिससे लगे कि वह बैंक का पेज है और खाता भी असली है। पुलिस अब उन अकाउंट के बारे में भी जानकारी कर रही है, जिनमें रुपये भेजे गए हैं। साथ ही कुछ नाइजीरियन गैंग से जुड़े बदमाशों के बारे में जानकारी कर रही है।

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