राजपथ नहीं अब कर्तव्यपथ, यहाँ घूमने का बना सकते हैं प्लान

नई दिल्ली। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की एक बेहद खास योजना सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के एक हिस्से का आज लोकार्पण हो जाएगा। खुद पीएम नरेंद्र मोदी आज शाम को इसका उद्घाटन करने वाले हैं। सेंट्रल विस्टा के तहत 5 प्रोजेक्ट्स को तैयार किया जा रहा है, जिसमें से अभी एक तैयार हो गया है। यदि आप दो साल पहले दिल्ली में इंडिया गेट आए थे तो अब आपको काफी चीजें बदली हुई नजर आएंगी।

राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट की ये पूरी सड़क अब कर्तव्य पथ के नाम से जानी जाएगी। यह लॉन सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इस परियोजना में नया संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय और अन्य कई सरकारी कार्यालय भी बनेंगे। 100 साल के इतिहास में तीसरी बार राजपथ का नाम बदला गया है। पहले इसे किंग्सवे कहा जाता था। 1955 में इसका नाम बदलकर राजपथ किया गया था। 7 सितंबर को इसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया। 9 सितंबर से जब यह आम लोगों के लिए खोला जाएगा तो सुविधाएं भी खास होंगी। यहां 1125 कारों के अलावा 40 बसों के लिए भी पार्किंग की सुविधा है।

करीब 3 किलोमीटर लंबे इस स्ट्रेच पर पहले की तुलना में ज्यादा हरियाली होगी। पर्यटकों के लिए ज्यादा सुविधाएं होंगी। इंडिया गेट के आसपास का पूरा नजारा बदल जाएगा। कर्तव्य पथ आधुनिक सुविधाओं के साथ 19 महीने बाद खुलेगा। इसके बाद इंडिया गेट एकदम नए अवतार में लोगों के सामने होगा।

लॉन के चारों तरफ 16.5 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर तैयार किया गया है, जिस पर लोग टहल सकेंगे। यह कर्तव्यपथ के इर्द-गिर्द होगा। इसे ग्रेनाइट पत्थर से तैयार किया गया है और लाखा स्टोन कलर का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा स्लोप और दिशा में बदलाव को बताने के लिए इंडिकेटर्स भी लगाए गए हैं ताकि दृष्टिबाधित लोगों को समस्या न हो सके। कर्तव्यपथ पर 8 जगहों पर शौचालय और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। इन ब्लॉक्स में लोगों को पीने का पानी भी उपलब्ध कराया जाएगा।

जनता की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए स्ट्रीटलाइट्स से इस इलाके को जगमग किया गया है। इससे रात को भी इंडिया गेट टहलने के लिए आने वाले लोगों को सुविधा होगी। कर्तव्यपथ पर 74 हेरिटेज लाइट पोल्स का सौंदर्यीकरण किया गया है। इसके अलावा 1,000 नई स्ट्रीटलाइट्स लगी हैं। यही नहीं सर्विलांस के लिए 300 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इससे लोगों की सुरक्षा और कानून व्यवस्था सुनिश्चित होगी। हाउसिंग मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने कहा कि इन कैमरों के जरिए संदिग्ध सामान पर नजर रखी जा सकेगी।

इंडिया गेट के आसपास 7 वेंडिंग जोन भी तैयार किए गए हैं। इनमें से 5 वेंडिंग जोन्स ऐसे हैं, जिनमें 40 वेंडर्स के लिए व्यवस्था होगी। इसके अलावा दो वेंडिंग जोन एमेनेटी ब्लॉक्स में होंगे। यहां अलग-अलग तरह के सामान भी मिल सकेंगे। फिलहाल कर्तव्यपथ पर लोगों को आइसक्रीम बेचने वाले नहीं मिलेंगे, जो इंडिया गेट पर मशहूर रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा कि हम यह देखेंगे कि नए निर्माण के बाद ट्रैफिक आदि की क्या स्थिति रहती है। इसकी परमिशन भविष्य में दी जा सकती है।

2019 में प्रोजेक्ट शुरू हुआ, 20 हजार करोड़ लागत
प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक कई इमारतों का रि-डेवलपमेंट और कंस्ट्रक्शन हो रहा है। इसमें नया संसद भवन, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के लिए एक-एक बिल्डिंग होगी, मंत्रालय के ऑफिसों के लिए केंद्रीय सचिवालय, प्रधानमंत्री आवास, उप राष्ट्रपति आवास शामिल हैं।

अभी जो संसद भवन है, उसके सामने संसद की नई बिल्डिंग बनी है। चार मंजिला ये इमारत 13 एकड़ में है। प्रधानमंत्री आवास करीब 15 एकड़ में होगा। सितंबर 2019 में इस प्रोजेक्ट की घोषणा की गई। 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी। पूरे प्रोजेक्ट की लागत 20 हजार करोड़ रुपए है।

सेंट्रल विस्टा यानी राजपथ के दोनों तरफ का इलाका
सेंट्रल विस्टा राजपथ के दोनों तरफ का इलाका है। इसके तहत राष्ट्रपति भवन, संसद, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, उप राष्ट्रपति आवास आता है। नेशनल म्यूजियम, नेशनल आर्काइव्ज, इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स, उद्योग भवन, बीकानेर हाउस, हैदराबाद हाउस, निर्माण भवन और जवाहर भवन भी सेंट्रल विस्टा का ही हिस्सा हैं।

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