नई दिल्ली। हाल ही में शाओमी (Xiaomi) और वीवो (Vivo) सहित कई चीनी कंपनियों के ठिकानों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने छापा मारा था। अब एक और खुलासा हुआ है।
मुंबई में 50 से ज्यादा चार्टर्ड एकाउंटेंट (CA) और कंपनी सचिव (CS) जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। इन चार्टर्ड एकाउंटेंट्स और और कंपनी सचिवों पर आरोप है कि वे महानगर में फर्जी कंपनियां स्थापित करने के लिए चीनी नागरिकों की मदद कर रहे थे। बताया जाता कि मुंबई और महाराष्ट्र में 500 से भी ज्यादा शेल कंपनियां रजिस्टर्ड हैं, जिनमें 100 से ज्यादा निदेशक चीन के हैं।
दो साल में हुआ 1,000 करोड़ का लेनदेन
खबरों के मुताबिक कई सीए और सीएस चीनी नागरिकों को टेलीकॉम, फिनकॉप और मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर्स में फर्जी कंपनियां स्थापित करने में मदद कर रहे हैं। जांच एजेंसियों का मानना है कि पिछले दो साल में इन कंपनियों के जरिए करीब 1,000 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग इन ट्रांजैक्शंस की जांच कर रहा है।
इन चीनी कंपनियों पर लगा आरोप
इस साल की शुरुआत में, आयकर विभाग ने हुआवे (Huawei) की बुक्स की जांच शुरू की थी और इसके कुछ ही समय बाद, शाओमी प्रवर्तन निदेशालय के रडार पर आ गई थी। ओप्पो, वीवो और शाओमी विभिन्न आरोपों का सामना कर रहे हैं। वीवो के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मामला दर्ज किया गया था। जबकि शाओमी को कथित तौर पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) का उल्लंघन करते हुए पाया गया था।
डीआरआई ने कहा कि Guangdong ओप्पो मोबाइल टेलीकम्युनिकेशंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड, चीन की एक सहायक कंपनी ओप्पो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित अपनी जांच के दौरान, हमने लगभग 4,389 करोड़ रुपये की सीमा शुल्क चोरी का पता लगाया है।