1984 के सिख विरोधी दंगे में SIT की बड़ी कार्रवाई, 38 साल बाद 4 आरोपी गिरफ्तार

कानपुर। यूपी के कानपुर में सिख विरोधी दंगे के दौरान हुए निराला नगर हत्याकांड के मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसआईटी, कानपुर कमिश्नरेट और कानपुर आउटर पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया है।

1984 में हुए सिख विरोधी दंगे में कानपुर में भी 127 लोग मारे गए थे। शासन के आदेश पर गठित एसआईटी तीन वर्षों से मामले की जांच कर रही है। 11 मामलों की विवेचना एसआईटी छह महीने पहले पूरी कर चुकी है। इसमें 60 से अधिक आरोपियों की पहचान की गई है। इन आरोपियों के खिलाफ सुबूत व गवाह दोनों हैं। अभी चार आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है और जल्द ही अन्य को भी गिरफ्तार किया जाएगा।

1984 में हुए सिख विरोधी दंगे के मामले में सफीउल्ला (64) पुत्र साविर खां निवासी शिवपुरी, घाटमपुर जनपद कानपुर आउटर, योगेंद्र सिंह (65) उर्फ बब्बन बाबा पुत्र स्व. सुरेंद्र सिंह निवासी जलाला थाना घाटमपुर जनपद कानपुर आउटर, विजय नरायन (62) सिंह उर्फ बच्चन सिंह पुत्र स्व. शिव नरायन सिंह निवासी वेंदा थाना घाटमपुर जनपद कानपुर आउटर और अब्दुल रहमान (65) उर्फ लम्बू पुत्र स्व. रमजानी चौकीदार निवासी वेंदा थाना घाटमपुर जनपद कानपुर आउटर को गिरफ्तार किया गया है।

एसआईटी का कार्यकाल बढ़ा
बता दें कि कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगे की जांच कर रही एसआईटी का कार्यकाल चार माह और बढ़ा दिया गया है। अब एसआईटी के पास 30 सितंबर 2022 तक जांच पूरी कर आरोपियों की गिरफ्तारी करने का समय है। सिख विरोधी दंगे में कानपुर में 127 लोगों की हत्या हुई थी। फरवरी 2019 में शासन ने एसआईटी गठित की थी।

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