नई दिल्ली। भारत में डिजटलीकरण के बढ़ने से UPI पेमेंट के उपयोग में भी बढ़ोतरी हुई है। इसकी मंथली ट्रांजेक्शन वैल्यू 9 लाख करोड़ के पास पहुंच गई है।
UPI ने मार्च में पहली बार वॉल्यूम में 500 करोड़ का आंकड़ा पार किया। जिसके बाद वित्तीय वर्ष 22 में इसकी डिजिटल ट्रांजेक्शन वैल्यू 1 ट्रिलियन डॉलर के आंकडें को पार कर गई। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के मुताबिक 29 मार्च तक इस प्लेटफॉर्म पर 5.04 अरब ट्रांजेक्शन्स हुए थे। फरवरी महीने की तुलना में यह वृद्धि 7% से अधिक रही।
FY22 में किए 45 बिलियन से अधिक ट्रांजेक्शन
FY22 में अब तक, UPI के जरिए 45 अरब से अधिक ट्रांजेक्शन किए गए है, जिनका मूल्य1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है। जबकि FY21 में UPI जरिए लगभग 22 अरब ट्रांजेक्शन किए गए थे। इसका मतलब यह है कि एक साल के समय में, UPI पर लेनदेन की संख्या और वैल्यू दोनों लगभग दोगुना हो गए हैं। उम्मीद है कि UPI ने देश में डिजिटल भुगतान को अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आने वाले वर्षो में बढ़ेगा UPI ट्रांजेक्शन
यह अनुमान है कि अगले 3-5 वर्षों में, UPI एक दिन में एक बिलियन ट्रांजेक्शन करेगा, जिसे सक्षम करने के लिए, कई पहल भी शुरू की गई हैं।जिसमें UPI का ऑटोपे फीचर काफी योगदान देगा। उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार, प्लेटफॉर्म पर दैनिक ट्रांजेक्शन बढ़ाने के लिए ऑटोपे फीचर महत्वपूर्ण होगा।
इसके साथ ही छोटे वैल्यू के ट्रांजेक्शन में UPI पर किए गए भुगतान का बड़ा हिस्सा होता है, इसलिए NPCI ने UPI यूजर्स के लिए “ऑन-डिवाइस” वॉलेट सुविधा भी शुरू की है ।RBI ने बिना इंटरनेट कनेक्शन वाले फीचर फोन पर भी UPI की घोषणा की है, जिससे 40 करोड़ से अधिक व्यक्तियों के लिए UPI का ऑप्शंन खुल जाता है।