नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके एक सहयोगी ने गुरुवार को पूर्वोत्तर के राज्यों में राज्यसभा की सभी चार सीटें जीत लीं। वहीं, कांग्रेस को संसदीय इतिहास में पहली बार उच्च सदन में इस क्षेत्र से कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।
बीजेपी ने त्रिपुरा सीट अपनी संख्या के बल पर जीती और नागालैंड सीट निर्विरोध जीती। असम में क्रॉस-वोटिंग और अमान्य विपक्षी वोटों ने भगवा पार्टी और उसके सहयोगी यूपीपीएल को उन दोनों सीटों पर जीत हासिल करने में मदद की, जिन पर चुनाव हुए थे। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, “हमारी रणनीति विधायकों की अंतरात्मा पर भरोसा करने की थी। हमें कांग्रेस विधायकों से सात वोट मिले हैं।” आपको बता दें कि 126 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा और उसके सहयोगियों के पास राज्यसभा की दोनों सीटें जीतने के लिए आवश्यक मतों में चार वोट की कमी थी। विपक्ष के पास एक सीट आराम से जा सकती थी।
नॉर्थ इईस्ट से कांग्रेस का सफाया
असम की दो सीटों पर बीजेपी की पाबित्रा मार्गेरिटा और यूपीपीएल की रवंगरा नारजारी ने जीत हासिल की है। वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार और मौजूदा राज्यसभा सांसद रिपुन बोरा को हार का सामना करना पड़ा, जो संयुक्त विपक्ष के आम उम्मीदवार थे। एनडीए के पास अब इस क्षेत्र से उच्च सदन की 14 में से 13 सीटें हैं। असम की एक सीट पर निर्दलीय का कब्जा है।
बीजेपी ने नागालैंड सीट भी निर्विरोध जीती, जिस पर उसके सहयोगी एनपीएफ का कब्जा था। त्रिपुरा में माकपा अपनी सीट भाजपा से हार गई। त्रिपुरा में भाजपा उम्मीदवार और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष माणिक साहा ने सीपीएम उम्मीदवार, पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक भानु लाल साहा को हराकर जीत हासिल की। नागालैंड में भाजपा की एस फांगनोन कोन्याक ने राज्य की राजनीति में इतिहास रच दिया और राज्यसभा के लिए चुनी जाने वाली पहली महिला बनीं।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की शिकायत
चुनाव आयोग द्वारा कांग्रेस की शिकायतों पर सुनवाई शुरू करने के बाद असम की दो राज्यसभा सीटों के लिए वोटों की गिनती में पांच घंटे से अधिक की देरी हुई। भाजपा के तीन सहित कुल पांच विधायकों ने कथित तौर पर चुनाव नियमों का उल्लंघन किया था। चुनाव आयोग द्वारा सभी शिकायतों को खारिज किए जाने के बाद रात 10.25 बजे मतगणना शुरू हुई।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई कि उसके निलंबित विधायक शशिकांत दास, बीपीएफ विधायक दुर्गादास बोरो और भाजपा के तीन विधायकों हितेंद्र नाथ गोस्वामी, गणेश लिम्बु और संजय किशन ने वोट डालते समय चुनाव के नियमों का उल्लंघन किया है।