नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन मिक्सिंग (जब व्यक्ति को अलग-अलग वैक्सीन दी जाती है) को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। जांच के शुरुआती नतीजों से पता चला है कि अगर कोवैक्सीन के दो डोज लेने वाले व्यक्ति को तीसरे डोज के तौर पर कोविशील्ड दी जाती है, तो एंटीबॉडीज 6 गुना तक बढ़ जाती हैं। फिलहाल, लोगों को बूस्टर डोज के तौर पिछली दो खुराक वाला टीका ही दिया जा रहा है। देश में 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को तीसरी या ‘एहतियाती’ खुराक दी जा रही है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, वेल्लूर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज ने बुधवार को वैक्सीन मिक्सिंग को लेकर शुरुआती नतीजे ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को सौंपे हैं। बताया गया है कि कोविशील्ड के दोनों डोज लेने वाले लोगों को अगर बूस्टर के रूप में कोवैक्सीन दी जाती है, तो एंटीबॉडीज में ज्यादा इजाफा नहीं होता है। खास बात है कि बूस्टर डोज के मामले में वैक्सीन मिक्सिंग को लेकर भारत का यह पहला वैज्ञानिक प्रमाण सामने आया है।
स्टडी के अंतिम डेटा के आधार पर नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (NTAGI) तीसरी खुराक के रूप में अलग वैक्सीन दिए जाने पर फैसला ले सकती है। इसके अलावा भारत में बायोलॉजिकल-ई की कोर्बिवैक्स, भारत बायोटेक की इंट्रानेजल वैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट की कोवावैक्स के प्रभावों की भी जांच की जा रही है। खास बात है कि जानकार बूस्टर डोज प्रोग्राम के विस्तार पर विचार कर रहे हैं। ऐसे में इन स्टडीज के जरिए मिलने वाला डेटा काफी अहम होगा।
अन्य देशों के हालात देख कर भारत में हुई बैठक
चीन समेत दुनिया के कई देशों में कोविड-19 के मामलों में इजाफा देखा जा रहा है। इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। इस दौरान उन्होंने कोविड-19 टास्क फोर्स के सदस्यों से हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा है। रिपोर्ट में बताया गया कि अधिकारियों को सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग में तेजी लाने के लिए कहा गया है, ताकि नए संभावित वेरिएंट्स का पता लगाया जा सके।
बैठक में डॉक्टर वीके पॉल, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के प्रमुख डॉक्टर बलराम भार्गव, प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण मौजूद थे।