नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को आम बजट पेश करते समय ऐलान भी किया है कि अब विदेश जाने वालों के लिए ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे। इनमें सुरक्षा को देखते हुए आधुनिक चिप लगी होगी। ई-पासपोर्ट के जरिए विदेश यात्रा करने वालों लोगों को आसानी होगी। भारत से पहले ई-पासपोर्ट प्रणाली को अमेरिका, इटली, जर्मनी, जापान, यूरोपीय देश, हांगकांग, इंडोनेशिया के अलावा तकरीबन 86 देशों में लागू किया जा चुका है।
ई-पासपोर्ट साधारण पासपोर्ट का ही एक डिजिटल रूप है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक माइक्रोप्रोसेसर चिप लगा होगा। इसी चिप में यात्री की पूरी जानकारी मौजूद होगी, जिसमें बायोमेट्रिक डाटा भी शामिल होगा। साथ ही ये पासपोर्ट होल्डर की जरूरी सिक्योरिटी डेटा को स्टोर करेगा। ई-पासपोर्ट को कुछ ही मिनटों में इमीग्रेशन काउंटर पर स्कैन किया जा सकता है। साथ ही इससे फेक पासपोर्ट बिजनेस पर भी लगाम लगेगी क्योंकि माइक्रोचिप पर मौजूद डेटा के साथ छेड़खानी नहीं की जा सकती है।
ई-पासपोर्ट के लिए बायोमेट्रिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, चैटबॉट्स, ऑटो-रिस्पॉन्स जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। पासपोर्ट में फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल पहले से होता है। ई-पासपोर्ट में फिंगरप्रिंट के अलावा आंखों के स्कैन को भी शामिल किया जाएगा जैसे आधार कार्ड बनवाते समय उंगलियां और आंखों की पुतलियां स्कैन की जाती हैं वैसे ही ये सारी जानकारी चिप में स्टोर की जाएगी। इससे इमिग्रेशन पर लगी मशीन को सही व्यक्ति की पहचान करने में मदद मिलेगी।
ई-पासपोर्ट से कितनी सुविधा?
साधारण पासपोर्ट के साथ जब आप किसी देश में प्रवेश करते हैं तो उसे आपके पासपोर्ट पर लिखा जाता है, ई-पासपोर्ट में ये सारी जानकारी इलेक्ट्रॉनिक चिप में स्टोर होगी। ई-पासपोर्ट धारक ने कब किस देश की यात्रा की है और वो कितने समय उस देश में रहा है इसे बिना कागजी कार्रवाई के किया जा सकेगा। साधारण पासपोर्ट के गुम होने, जलने, फटने, भीगने आदि की शिकायतें आती थीं। ई-पासपोर्ट की सेवा शुरू होने के बाद इस परेशानी से मुक्ति मिलेगी। इसके साथ ही आपकी पर्सनल जानकारी भी अब ज्यादा सुरक्षित रहेगी।
कैसे बनेगा ई-पासपोर्ट?
अभी तक इस बारे कोई जानकारी सामने नहीं आई है कि ई-पासपोर्ट कैसे बनेगा। लेकिन जहां तक उम्मीद है कि नए पासपोर्ट के लिए भी आवेदन करने की प्रक्रिया वही रहेगी और आवेदन पत्र में भी कोई बदलाव नहीं होगा।