नई दिल्ली। तमिलनाडु में 8 दिसंबर को हुई हेलिकाप्टर दुर्घटना में बचने वाले अकेले व्यक्ति ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का निधन हो गया है। उनका इलाज कमांड अस्पताल, बेंगलुरु में चल रहा था। दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और 12 अन्य लोगों की जान चली गई थी। ग्रुप कैप्टन सिंह को अगस्त महीने में शौर्य चक्र से नवाजा गया था।
देश के इतिहास के सबसे भीषण हादसों में से एक इस घटना में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई थी। केवल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ही इसमें बच पाए थे लेकिन गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। पूरे देश में उनके जीवन के लिए प्रार्थनाएं की जा रही थीं।
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का तीन बार आपरेशन किया गया था। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पिता केपी सिंह सेना से रिटायर हैं। वह यूपी के देवरिया के रहने वाले हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश के भोपाल में अपना मकान बनवा रखा है। वह पत्नी उमा सिंह के साथ वहीं पर रहते हैं, जबकि वरुण सिंह के भाई तनुज सिंह नौसेना में हैं। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की तैनाती तमिलनाडु के वेलिंग्टन में थी। वरुण सिंह के परिवार में पत्नी गीतांजलि और बेटा रिद्धिमन व बेटी आराध्या हैं।
शौर्य पद से सम्मानित ग्रुप कैप्टन
ग्रुप कैप्टन वरुण बेहद अनुभवी पायलट में शुमार थे। उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। ये शांति के समय में दिया जाने वाला सबसे बड़ा पदक है। ये पदक उन्हें एलसीए तेजस की उड़ान के दौरान सामने आई आपात स्थिति में खुद को सावधानी से सकुशल बचाने के लिए दिया गया था। 12 अक्टूबर 2020 को वो तेजस की उड़ान पर थे। इस विमान को वो अकेले उड़ा रहे थे। तभी इस विमान में तकनीकी दिक्कत आ गई। काकपिट का प्रेशर सिस्टम खराब आने से लगातार हालात खराब हो रहे थे। उन्होंने बिना समय गंवाए स्थिति को संभालने के साथ-साथ सही फैसला लिया था।