गाजियाबाद। आज (30 नवम्बर) शाम 4 बजे से कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा गांधी सभागार में जिला उद्योग बन्धु बैठक का आयोजन किया जाएगा। जिसमेें लंबित मामलों के निस्तारण को लेकर जनपद के उद्यमी काफी आशावान हैं। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में उद्यमियों एवं औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों समेत संबंधित विभागों के सक्षम अधिकारियों की उपस्थिति रहेगी।
बाचतीच के दौरान हमारा गाजियाबाद की टीम को उद्यमी उपेन्द्र गोयल ने बताया कि मेरठ रोड दुहाई के पास एनसीआरटीसी द्वारा कराए गए अधूरे नाले की वजह से जल भराव की स्थिति बनी रहती है। बावजूद इसके जिम्मेदारियों की फुटबॉल संबंधित विभाग एक दूसरे की ओर फेकने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। महज 3 से 4 वर्ष पूर्व बनाए गए इस नाले का निर्माण किस एजेन्सी द्वारा किया गया, विभागीय अधिकारियों को यह पता न होना समझ से परे है।
मामले में एनसीआरटीसी का कहना है कि पीडब्ल्यूडी द्वारा डिस्चार्ज प्वाइंट नहीं दिए गए, जिसके कारण नाले का काम अधूरा छोड़ा गया है। जबकि मुरादनगर से मोरटा तक कई स्थानों पर नाला अधूरा नाला विभागीय लापरवाही व सरकारी धन के दुरुपयोगी की कहानी बयाँ कर रहा है। ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि जब डिस्चार्ज प्वाइंट नहीं था तो छोटे-छोटे टुकड़ों में अधूरा नाला बनाने की क्या आवश्यकता थी।
श्री गोयल ने कहा कि अधूरी तैयारियों के साथ जल्दबादी में किस कारण नाले का टेंडर किया गया, यह जाँच का विषय है। विभागीय लापरवाहियों की वजह से नाले के किनारे स्थित इकाइयाँ व निवासी जल भराव की समस्या से जूझ रहे हैं। जोकि यहाँ कि गंदगी व बीमारियों का कारण भी बना हुआ है।
मामले में गाजियाबाद इंडस्ट्रीज फेडरेशन के महासचिव अनिल गुप्ता का मानना है कि नाले का पूरे निर्माण कराने के लिए जिलाधिकारी द्वारा गाजियाबाद नगर निगम अथवा पीडब्ल्यूडी को स्पष्ट निर्देश दिया जाना चाहिए। यदि ऐसा संभव न हो तो इस अधूरे नाले के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।
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