प्रदूषण से दिल्ली-एनसीआर में बिगड़े हालात, घर से न निकलने की सलाह

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दिल्ली। दिवाली के बाद से खराब हुई दिल्ली-एनसीआर की हवा अब भी गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली की हाल कितना बुरा है यह आप इससे समझ सकते हैं कि दुनिया के 10 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में दिल्ली सबसे आगे है। प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने शुक्रवार को लोगों को घरों से बाहर जाने से बचने की सलाह दी है।

सीपीसीबी ने आदेश में कहा है कि समीक्षा बैठक में यह देखा गया कि 18 नवंबर तक रात के दौरान कम हवाओं के कारण प्रदूषकों के छितराने के लिए मौसम संबंधी स्थितियां अत्यधिक प्रतिकूल रहेंगी। सीपीसीबी ने कहा, ‘सरकारी और निजी कार्यालयों और अन्य प्रतिष्ठानों को सलाह दी जाती है कि वह वाहन के उपयोग को कम से कम 30 प्रतिशत (घर से काम करके, कार-पूलिंग, बाहरी गतिविधियों को सीमित कर) तक कम करें।’

सीपीसीबी ने कहा कि कार्यान्वयन एजेंसियों को उचित स्तर पर की गई कार्रवाइयों की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए और प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और संबंधित समितियों को दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए, जो वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) और सीपीसीबी को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।’

सीपीसीबी ने कहा, ‘संबंधित एजेंसियों को जीआरएपी (श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना) के अनुसार आपातकालीन श्रेणी के तहत उपायों के कार्यान्वयन के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए। दिल्ली में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक शाम चार बजे तक 471 दर्ज किया गया, जो इस मौसम में अब तक का सबसे खराब एक्यूआई है, गुरुवार को यह 411 था।’

पराली का प्रदूषण 35 प्रतिशत तक पहुंचा
पराली का प्रदूषण शुक्रवार को भी 35 प्रतिशत से अधिक रहा। इस सीजन में चौथी बार पराली का प्रदूषण 30 प्रतिशत से अधिक रहा है। पराली के मामले अभी भी कम होने में नहीं आ रहे हैं। ऐसे में संभावना है कि 20 से 25 नवंबर तक पराली के मामलों में कमी नहीं आएगी। सफर के अनुसार शुक्रवार को दिल्ली एनसीआर में पराली जलाने के मामले 4056 रहे। वहीं पराली प्रदूषण राजधानी में 35 प्रतिशत तक पहुंच गया।

हवाओं के साथ पराली का धुआं दिल्ली एनसीआर में
आईआईटीएम के अनुसार 11 नवंबर को पंजाब में पराली के 4156, हरियाणा में 126 और यूपी में 151 मामले सामने आए। हवाओं के साथ पराली का धुंआ अभी राजधानी में पहुंचता रहेगा। नवंबर में इस साल सबसे अधिक पराली जलाने के मामले आ रहे हैं। सीईईडब्ल्यू (काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरमेंट और वॉटर) के प्रोग्राम असोसिएट एल एस कुरिंजी के अनुसार शुक्रवार को ही पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के 4662 मामले सामने आए हैं।

लंबी हो सकती है कोहरे की अवधि
सीएसई के मुताबिक यह कोहरा जन स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति है। यह स्थिति पिछले चार साल में सबसे लंबी अवधि की हो सकती है। अपेक्षाकृत तेज हवाओं की स्थानीय परिस्थितियों के बावजूद इस साल कोहरे की लंबी अवधि का कारण शहर में प्रदूषण नियंत्रण उपायों की कमी हो सकती है। सीएसई की एक रिपोर्ट के मुताबिक 24 अक्तूबर से 8 नवंबर तक इस साल सर्दियों के शुरुआती चरण में दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों का योगदान 50 प्रतिशत रहा है।

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