किसान आन्दोलन का समर्थन करना पड़ा भारी, सिपाही नौकरी से बर्खास्त

दिल्ली। सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन के पक्ष और कथित तौर पर प्रधानमंत्री व गृहमंत्री के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट करने वाले दिल्ली पुलिस के एक सिपाही को बर्खास्त कर दिया गया है।

बर्खास्त सिपाही मनीष मीणा उत्तर जिले के सब्जी मंडी थाने में तैनात था। मनीष मीणा ने पोस्ट में लिखा था कि किसान विरोधी पार्टियों को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है। आंदोलन को कुचलने में असफल हो गए तो अब किसानों को कुचल रहे हैं। उसने लखीमपुर खीरी मामले को लेकर तंज कसते हुए कहा था कि अरे भाइयों वह मंत्री हिस्ट्रीशीटर है, फिर तो उनकी गाड़ी चढ़ेगी ही। इंटरनेट मीडिया पर इस तरह की आपत्तिजनक पोस्ट डालने की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।

नौ अक्तूबर को मामला संज्ञान में आने के बाद इसकी गंभीरता को देखते हुए उत्तरी जिला के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अनीता रॉय को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक आईटी विंग ने सब्जी मंडी में तैनात एक सिपाही मनीष मीणा को ट्विटर और फेसबुक पर सरकार की कई नीतियों की आलोचना करते हुए पाया।

अपनी जांच में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने सिपाही को दोषी पाया। जांच रिपोर्ट को पुलिस के आला अधिकारियों को सौंपा गया। रिपोर्ट के आधार पर पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने 27 अक्तूबर को सिपाही को बर्खास्त कर दिया।

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने साथ काम करने वाले कर्मचारियों को सोशल मीडिया दिशानिर्देशों के बारे में सूचित किया है और उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सरकारी नीतियों की आलोचना करने से परहेज करने को कहा है। दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा की आईटी विंग इसपर निगरानी रखती है।

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