गाजियाबाद: आखिरी साँसे गिन रही हैं औद्योगिक क्षेत्र की सडकें, कैसे चमकेंगे उद्योग

गाजियाबाद। उद्योगों से विकास की गाथा लिख रहे गाजियाबाद शहर के औद्योगिक क्षेत्र को मूलभूत सुविधाओं से भी जूझना पड़ रहा है। इंडस्ट्रीज एरिया की सड़के आखिरी सांसे गिन रही हैं। सड़कों पर गहरे गड्ढे हो गए हैं। क्षेत्र में स्थापित उद्यम खराब सड़क, जल निकासी, गंदगी का सामना कर रहे हैं। जिनका सीधा असर उद्योग धंधों पर पड़ रहा है।

बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र में सैकड़ों फैक्ट्रियां हैं। उद्यमियों से सरकार को लाखों-करोड़ों का राजस्व मिलता है। उसके बाद भी यहाँ मूलभूत सुविधा दुरुस्त नहीं की जा रही है। इसी क्रम में हम आज इस क्षेत्र की सड़कों की बात कर रहे हैं। इसके अगले क्रम में यहाँ की अन्य समस्याओं को प्रकाशित किया जायेगा।

औद्योगिक क्षेत्र में मुख्य सड़क को छोड़कर बाकी सड़कें पूरी तरह जर्जर हैं। औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों पर सड़क के नाम पर बस गड्ढे हैं। आम दिनों में यहां वाहनों के गुजरने पर धूल उड़ती है। वहीं, बरसात के दिनों में इन गड्ढों में जलभराव होता है जिससे कीचड़ जैसे हालात बन जाते हैं। सड़क पर पैदल और दोपहिया वाहनों का गुजरना दुश्वार रहता है। बाइक सवार कई बार कीचड़ में फिसलकर गिर चुके हैं।

यहां की फैक्ट्रियों के लिए कच्चा माल लेकर बड़े-बड़े वाहन आते हैं और तैयार माल लेकर जाते हैं। इन वाहनों को सड़क पर बने गहरे गड्ढों से होकर गुजरना पड़ता है। इससे वाहन चालकों को काफी परेशानी होती है। सड़क संख्या तीन के हिस्से में इस कदर गड्ढे बन गए हैं कि भारी वाहनों के पलटने का डर बना रहा है, यहाँ उद्योगों में आने वाले वाहन कई बार खराब हो गए हैं। इससे माल की आपूर्ति में देरी होने से उद्यमियों को नुकसान उठाना पड़ता है। कई बार दुर्घटना हो चुकी है। सड़कों की खस्ताहाल को देखकर ऐसा लगता है कि प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।

औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों को बनवाने के लिए कई बार मांग की जा चुकी है। जिला उद्योग बंधु की बैठकों में हर बार जर्जर सड़कों का मुद्दा उठाया जाता है इसके बावजूद निगम सड़कों पर ध्यान नहीं दे रहा है। मरम्मत के नाम पर टूटी सड़क को ठीक करने के लिए ईंटें बिछाकर मात्र औपचारिकता निभाई जा रही है।

निकासी व्यस्था ठप
क्षेत्र में जलनिकासी व्यवस्था भी ठप हो चुकी है, ज्यादा इलाकों में नालियों का अभाव है। जहाँ नालियाँ भी हैं वो पूरी तरह कुड़े व झाड़ियों से पट गयी है। जिससे बरसात के दिनों में रोड पर जलभराव हो जाता है। क्षेत्र की नालियों को देखकर ऐसा लगता है, जैसे यहां वर्षों से सफाई नहीं हुई है। गंदगी के कारण ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है।

 

उद्यमियों ने क्या कहा,

औद्योगिक क्षेत्र में विकास के लिए यूपीसीडा से धनराशी आती थी लेकिन पिछले 4-5 वर्षों से इस पर विराम लग गया है। औद्योगिक संगठनों को इस दिशा में प्रयास करना चाहिए।
अनिल गुप्ता, बी ए फेब्रिक्रेट्स एंड इंजीनियरिंग प्राईवेट लिमिटेड
महासचिव, गाजियाबाद इंडस्ट्रीज फेडरेशन

औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों की बदहाली कोई नई नहीं है। अधिकारियों को तो यहाँ की सड़कों से कभी कभार किन्तु हमें रोजाना दो-चार होना पड़ता है। नगर निगम के निर्माण विभाग द्वारा सड़कों पर पैच वर्क शुरू किया गया है। लेकिन पैच वर्क की गुणवत्ता की कमी को देखते हुए यह बात तय मानिए कि सड़कों पर गड्ढों का साम्राज्य बना रहेगा।
सुनील गोयल, Ace हार्डवेयर निर्यातक

औद्योगिक क्षेत्रों की सड़कों का भारी वाहन गुजरते हैं जिसके लिए मजबूत और टिकाऊ सड़कों की जरूरत है लेकिन यहाँ निर्माण कार्य इस अनुरूप नहीं होता जिससे सड़के कुछ ही वक्त में टूट जाती हैं। जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने की वजह से पानी सड़क पर ही जमा होता रहता है, इससे भी सड़क को नुकसान होता है। जिम्मेवार लोगों को सड़क निर्माण के साथ साथ उसके रखरखाव पर भी ध्यान देना चाहिए।
सतीश चन्द्र मित्तल, एस एम इंडस्ट्री

सरकार उद्योग धंधों को बढ़ावा देने की बात करती हैं मगर यहां के लोग नई नई आती तकनीक, बढ़ती प्रतिस्पर्धा के साथ मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान है। सड़क, सफाई, सुरक्षा, बिजली-पानी जैसी सुविधाएं तो कम से कम उद्यमियों को बेहतर मिलनी चाहिए। ऑफिस सेकेट्री रोहित खातियान, ऑल इंडिया मेटल फोर्जिंग असोसिएशन

इस क्षेत्र में सड़को का समय से रखरखाव नहीं होता है। यहाँ आने वाली गाड़ियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, कई बार ट्रांसपोर्ट के भाड़ा भी ज्यादा लगता है। औद्योगिक क्षेत्रों में सड़को दयनीय स्थिति से बाहर से आने वाले उद्यमियों पर भी गलत प्रभाव पड़ता है।
राव इन्द्रजीत सिंह, इंदर इंटरप्राइजेज

प्रदेश सरकार ने गड्डा मुक्त सड़क देने का वादा किया था लेकिन औद्योगिक क्षेत्रों में हकीकत कुछ और है। यहाँ की समस्याओं को उद्योग बंधु बैठक के साथ साथ अन्य स्तर पर भी उठाया गया है, इसके बावजूद स्थिति जस की तस है। शासन के आदेशों के बावजूद सड़को की बदहाली बनी हुई है।
एसआर इंटरप्राइजेज

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