नई दिल्ली। असम की घटना को लेकर इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) की निंदा के बाद इस पर भारत सरकार का बयान आया है और उसने OIC की ओलचना की है। भारत ने कहा है कि ओआइसी को उसके आंतरिक मामलों पर बयानबाजी करने का कोई हक नहीं है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि भारत बेहद खेदपूर्ण तरीक़े से यह बताना चाहता है कि OIC ने भारत के आंतरिक मामले पर एक बार फिर टिप्पणी की है, जिसमें उसने भारत के राज्य असम की एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर तथ्यात्मक रूप से ग़लत और भ्रामक बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ऐसे सभी ‘अनुचित बयानों’ को खारिज करता है और उम्मीद करता है कि भविष्य में ऐसा कोई संदर्भ नहीं दिया जाएगा।
बागची ने कहा, ‘भारतीय अधिकारियों ने इस संबंध में उचित कानूनी कार्रवाई की है। दोहराया जाता है कि भारत के आंतरिक मामलों से संबंधित मुद्दों पर दखल देने का ओआईसी को कोई अधिकार नहीं है। उसे अपने मंच को निहित स्वार्थों से प्रभावित नहीं होने देना चाहिए।’
मुस्लिम देशों के संगठन OIC ने भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम के दरांग जिले में पिछले महीने सरकारी जमीन से ‘अतिक्रमण हटाओ अभियान’ के तहत सैकड़ों मुस्लिम परिवारों को कथित तौर पर हटाने के दौरान हुई पुलिस ऐक्शन को ‘व्यवस्थागत हिंसा और उत्पीड़न’ बताया था।
तीन अक्टूबर को जारी एक बयान में ओआईसी जनरल सचिवालय ने बेदखली अभियान की आलोचना की और आरोप लगाया कि यह मुस्लिम समुदाय के खिलाफ अभियान का एक हिस्सा है। बयान में कहा गया कि OIC के महासचिवालय ने संकेत दिया कि मीडिया में आईं खबरें शर्मनाक हैं और वह इस मामले में भारत गणराज्य में सरकार और अधिकारियों से एक जिम्मेदार रुख की अपील करता है।
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