साइबर ठगी से बचिए, फर्जी एप को ऐसे पहचानिये

जब से ऑनलाइन बैंकिंग सुविधाएं बढ़ी हैं तब से साइबर अपराध भी बढ़ गए हैं। साइबर अपराधी अलग अलग तरीकों से लोगों को शिकार बनाते हैं। आजकल फर्जी बैंकिंग ऐप भी बैंक धोखाधड़ी का एक तरीका बन गया है। साइबर अपराधी फर्जी बैंकिंग ऐप के माध्यम से लोगों का संवेदनशील डेटा या ऑनलाइन बैंकिंग से जुड़े आईडी-पासवर्ड आदि चुरा लेते हैं और फिर आपके बैंक अकाउंट में पड़े सारे पैसे ही निकाल लेते हैं। इसलिए फर्जी एप की पहचान करना बहुत जरूरी होता है, ताकि आप धोखाधड़ी का शिकार न हों।

फर्जी बैंकिंग ऐप्स गैरकानूनी होते हैं और ये असली ऐप से दिखने में समान हो सकते हैं। इनमें मालवेयर होता है जिसका मकसद बैंक की डिटेल्स या संवेदनशील डेटा चुराना होता है। ये सामान्य तौर पर ऑनलाइन उपलब्ध होते हैं। साइबर अपराधी इनमें समान इमेज और आइकन का इस्तेमाल करते है।

फर्जी ऐप को पहचानने का तरीका 

मोबाइल मालवेयर केवल जानकारी नहीं चुराता है लेकिन यह मोबाइल के काम करने पर पूरा काबू कर लेता है। एक बार यूजर्स इन ऐप्स को एक्सेस कर लें, वे अनजाने में अपने अकाउंट की जानकारी को दे देते हैं। यह आपके पासवर्ड, सर्टिफिकेट आदि चुरा सकते हैं। ई-मेल स्क्रीनशॉट ले सकते हैं। यूजर की जगह पर वित्तीय ट्रांजैक्शन या वित्तीय धोखाधड़ी कर सकते हैं। एसएमएस फॉरवर्ड, कॉल को ब्लॉक करना, बैटरी लाइफ को घटाना आदि भी इसके असर हैं।

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