नोएडा। यूपी के नोएडा में इंस्पेक्टर को फंसाने के चक्कर में दरोगा अपने ही बुने जाल में फंस गया। जांच के बाद दरोगा को मंगलवार को सस्पेंड कर दिया गया। दरअसल दरोगा ने कोतवाली प्रभारी को हनीट्रैप में फंसाकर रेप के आरोपी को गिरफ्तार कराने का दबाव बनाया था।
ग्रेटर नोएडा निवासी महिला एक युवक के साथ सहमति संबंध में रह रही थी। बाद में महिला ने युवक पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। उसकी चार साल की बेटी भी है। करीब पांच माह पहले महिला ने शिकायत दी थी। जांच के दौरान महिला की पहचान दरोगा मैनपाल से भी हो गई। मैनपाल ने जारचा थाना प्रभारी से महिला की शिकायत पर आरोपी युवक को जेल भेजने को कहा लेकिन कोतवाली प्रभारी ने उसे जांच की बात कहकर जेल भेजने से इंकार कर दिया।
इस पर आरोपी दरोगा ने शिकायतकर्ता महिला से थानेदार को वीडियो कॉल कराई। इसके बाद वीडियो कॉल का स्क्रीन शॉट लेकर आरोपी ने सोमवार को थानेदार पर महिला से संबंध आदि बनाने का दबाव डालने आदि की बातें लिखकर कई व्हाट्स एप ग्रुप पर शेयर कर दिया।इसके बाद विभागीय अफसरों में हड़कंप मच गया।
इसकी जांच एसीपी फर्स्ट को सौंपी गई थी। महिला ने दिए बयान में कहा है कि लिव इन पार्टनर उसे और उसकी बेटी को पीट रहा था। कोतवाली प्रभारी को वीडियो कॉल कर मदद मांगी थी। जिसका स्क्रीन शॉट गलती से उसकी बेटी ने दरोगा को भेज दिया। उधर, कोतवाली प्रभारी का कहना है कि महिला ने वीडियो कॉल कर उनसे मदद मांगी थी।
जांच में सामने आया है कि दरोगा महिला को पहले से जानता था। डीसीपी अभिषेक ने बताया कि दरोगा मेनपाल ने जानबूझकर कोतवाली प्रभारी को बदनाम करने का प्रयास किया। दारोगा के खिलाफ सक्ष्य मिले हैं। दरोगा ने मेनपाल ने कार्यक्षेत्र से बाहर जाकर सरकार कार्य में बाधा उत्पन्न की है। जांच में तथ्य सही पाए जाने उसे सस्पेंड कर दिया गया है।
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