सावधान: स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है तीन से अधिक बार उपयोग किया हुआ खाद्य तेल

गाजियाबाद। राकेश मार्ग स्थित मदन स्वीट्स एंड रेस्टोरेंट्स में FSSAI के प्रोजेक्ट RUCO के तहत एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों व खाद्य व्यवसायियों समेत फूड प्रोफेशनल्स वेलफेयर एसोसिएशन (एफपीडब्ल्यूए) अध्यक्ष केसरी कुमार मिश्र एवं ब्लू स्टोन एनर्जी इंडिया प्रा लि के प्रतिनिधि मनोज चौहान ने भाग लिया।

बैठक के दौरान जनपद के अभिहित अधिकारी विनीत कुमार ने खाद्य व्यापारियों को बताया कि खाद्य तेलों का बार-बार उपयोग करना लोगों के स्वास्थ्य के प्रति खिलवाड़ है। ऐसा किये जाने की स्थिति में तेल के नमूने लिए जा सकते हैं। जबकि FSSAI के प्रोजेक्ट RUCO के तहत इस प्रकार के तेल से बायोडीजल बनाने की व्यवस्था है। जिसके एवज में खाद्य व्यवसायी को नामित कंपनी द्वारा उचित मूल्य भी दिया जाता है।

आगे उन्होंने कहा कि 15 लीटर या उससे अधिक खाद्य तेल का दैनिक उपयोग करने वाले कारोबारी यूज्ड ऑयल FSSAI द्वारा निर्धारित कंपनी को देना सुनिश्चित करें। उन्होंने ऐसे कारोबारियों की सूची बनाने के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देशित करते हुए जानकारी दी कि इस अभियान को आगे जारी रखा जाएगा।

खाद्य व्यवसायियों के प्रश्न का उत्तर देते हुए ब्लू स्टोन एनर्जी इंडिया प्रा. लि. के प्रतिनिधि मनोज चौहान ने बताया कि हमारी कंपनी FSSAI द्वारा नामित है। RUCO अभियान के तहत हम उपयोग किए गए खाद्य तेल को उचित मूल्य पर डोर टू डोर संग्रह करते हैं। जिसका बायोडीजल बनाने में उपयोग किया जाता है।

हमारा गाजियाबाद की टीम से बात करते हुए एफपीडब्ल्यूए अध्यक्ष केसरी कुमार मिश्र ने जानकारी दी कि बार-बार तेल गर्म करने की स्थिति में उसका टोटल पोलर कंपाउंड (टीपीसी) बढ़ जाता है। जिससे ट्रांस फैक्ट की मात्रा बढ़ती है और तेल का रंग काला हो जाता है। तेल के फैट पार्टिकल्स भी टूटने लगते हैं और इसका धुआँ आँखों में जलन पैदा करता है।

टीपीसी 25 से ज्यादा होने की स्थिति में यह तेल कैंसर, मधुमेह व मोटापा जैसी बीमारियों का कारक बनता है। ऐसे तेल से बने खाद्य पदार्थों के सेवन से पेट, लीवर व आंतें भी प्रभावित होती हैं। इस तरह के तेल के उपयोग से वायु प्रदूषण होने के साथ ही इसे नाली आदि में फेंकने की स्थिति में बड़े पैमाने पर जल प्रदूषण होता है।

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