कानपुर। कानपुर में मंगलवार को सुबह 8 बजे डीएम विशाख जी अय्यर बड़ा चौराहा स्थित उर्सला अस्पताल आम मरीज की तरह पहुंचे। वहां तैनात डॉक्टर आरपी शाक्य और डॉ. एमएस लाल का 45 मिनट तक इंतजार किया लेकिन डॉक्टर समय से नहीं आए। डीएम ने अस्पताल का अकेले निरीक्षण किया। अस्पताल में एक भी व्यवस्था संतोषजनक नहीं मिली। सरकारी अस्पताल में मरीजों के इलाज की हकीकत देखकर डीएम हैरान हो गए।
उर्सला अस्पताल में शहर के साथ आसपास के कई जिलों के मरीज बेहतर उपचार के लिए पहुंचते हैं। मंगलवार को डीएम ने अकेले ही पहुंचकर औचक निरीक्षण कर हकीकत जानी। एक आम मरीज की तरह डीएम ने ओपीडी के विभिन्न विभागों में निरीक्षण किया और मरीजों के बैठने की व्यवस्था तथा रजिस्ट्रेशन काउंटर पर सुविधाओं का मुआयना किया।
जिसमें उन्होंने पाया कि अस्पताल परिसर में मरीजों के बैठने के लिए कोई भी उचित स्थान नहीं है जबकि चार काउंटरों में सिर्फ दो ही संचालित किए जा रहे हैं साफ सफाई भी परिसर में संतोषजनक नहीं पाई गई। जबकि अस्पताल में सुबह से ही मरीज और तीमारदार आने लगते हैं। पौने 9 बजे तक भी सफाई व्यवस्था पूरी तरह से नहीं की गई। डीएम ने यहां वार्डों का भी निरीक्षण किया, लेकिन वहां भी हालात कुछ ठीक नहीं मिले।
लगभग 45 मिनट तक अस्पताल परिसर में निरीक्षण करने के बाद डीएम ने अस्पताल से ही उर्सला डायरेक्टर डॉ. किरन सचान को फोन किया और सभी अव्यवस्थाओं के बारे में अवगत कराया। डीएम के गुपचुप निरीक्षण से पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया। डीएम ने साफ-सफाई और डॉक्टर के समय से ओपीडी में मौजूद न होने के लिए जवाब मांगा है। नाराजगी जताते हुए कड़े निर्देश दिए कि व्यवस्थाओं को तत्काल प्रभाव से ठीक किया जाए।
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